प्रतिदिन कितने हिन्दुआेंका धर्मांतरण होता है, कितनों का अहिन्दुआेंसे विवाह होता है, इसका पंजीकरण क्या एक तो भी मंदिर में कभी होता है ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
कोच्चि : केरल की एक कैथोलिक चर्च ने अपने सदस्य से हिंदू महिला से विवाह करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है । ऊकराम स्थित सेंट जोसेफ चर्च से जुडे बेन्नी थोम्माना ने १० वर्ष पहले हिंदू महिला लिजा जयासुधन से विवाह किया था । दोनों अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं । परंतु बेन्नी को उस समय करारा झटला लगा, जब उन्हें चर्च की ओर से पत्र मिला, जिसमें उनसे सफाई मांगी गई कि आखिर उन्होंने चर्च के नियमों के विरुध्द जाकर हिंदू महिला से विवाह क्यों किया ?
बेन्नी से चर्च के विशेष प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है । दोनों ने अपने विवाह का विशेष विवाह अधिनियम के तहत ७ फरवरी, २००५ को पंजीकरण कराया था । बेन्नी ने कहा, ‘मैंने कुछ भी कानून के विरुध्द नहीं किया है । हमें धमकी दी जा रही है । हम शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहते हैं ।’
बेन्नी ने कहा, ‘फादर ने कहा कि मेरी पत्नी और बच्चों का बपतिस्मा कराया जाना चाहिए ।’ इसके बाद से ही हमारे पास बिशप हाउस से कॉल आ रही है, मैं ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित नहीं होऊंगा । धर्मांतरण का कोई प्रश्न ही नहीं है, हमारे बच्चे बडे होने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार धर्म चुनेंगे ।’
हालांकि, फादर ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि, चर्च बपतिस्मा, अंतिम संस्कार और शादियों का आलेख रखता है । ट्रिब्यूनल की ओर से उन्हें आध्यात्मिक गतिविधी के लिए बुलाया गया है । हम किसी से भी धर्मांतरण के लिए नहीं कहते ।
संदर्भ : नवभारत टाइम्स