उज्जैन – सिंहस्थ में अखाडे असली-नकली साधुओं की पहचान कोडवर्ड से करेंगे। संन्यासी अखाडों ने कोडवर्ड का शब्दकोश तैयार किया है, जिसे इनके शब्दों में टकसार कहा जाता है। स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए संन्यासी अखाडों ने यह व्यवस्था बनाई है।
सिंहस्थ के लिए १३ अखाडों ने छावनी जमार्इ है, जिसमें से पंचायती महानिर्वाणी, पंच अटल, पंचायती निरंजनी, पंचायती आनंद , पंचदशनाम जूना, पंचदशनाम आवाहन और पंचदशनाम पंचाग्रि अखाड़ा आदि सात संन्यासी अखाडे हैं। सबसे ज्यादा साधु-संत संन्यासी अखाड़ों में हैं। इनकी संख्या लाखों में हैं। ज्यादातर साधु-संत दीक्षा लेने के बाद मंदिर, मठ और आश्रमों में सेवाएं देते हैं।
अर्धकुंभ, कुंभ और सिंहस्थ के अवसरों पर सभी एकत्र आते हैं। उस समय अखाडों के सामने गोपनीयता बनाए रखने और साधु-संतों की पहचान करना कठिन रहता है। इसलिए अखाडों ने कोडवर्ड की व्यवस्था रखी है। पंचदशनाम जूना अखाडे के पूर्व कोतवाल ने बताया कि, इस व्यवस्था को टकसार के नाम से जानते हैं। करीब ३६५ कोडवर्ड हैं। यह कोडवर्ड गुरुओं की ओर से शिष्यों को बताए जाते हैं। हर अखाडे के कोडवर्ड के शब्दकोश में कुछ भिन्नता रखी गई है।
स्त्रोत : पत्रिका