शुद्ध भाद्रपद कृ. १, कलियुग वर्ष ५११४
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धर्माभिमानी हिंदू एवं राष्ट्रीय समाजपक्षके आंदोलनकी सफलता !
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संभाजी ब्रिगेडके ७३ कार्यकर्ताओंको २ दिनकी पुलिस कोठरी !
रायगढ – रायगढ किलेपर छत्रपति शिवाजी महाराजकी मृत्युके उपरांत उनके प्रति असीम प्रेमके कारण उनकी चितामें कूदनेवाला स्वामीनिष्ठताका प्रतीक माना जानेवाला ‘वाघ्या कुत्ते’ का स्मारक था । कल संभाजी ब्रिगेडके कार्यकर्ताओंद्वारा कानूनको हाथमें लेकर यह पुतला हटाया जानेसे संपूर्ण महाराष्ट्रमें संतप्त वातावरण था । इसलिए प्रशासनद्वारा आज पहले जैसा ‘वाघ्या कुत्ते’ का पुतला खडा किया गया । ( हिंदुओ, आज भले ही ‘वाघ्या कुत्ते’ का पुतला पुनः खडा किया गया होगा; परंतु कल उसे हटाने हेतु राजनेता लालमहलमें स्थित दादोजी कोंडदेवका पुतला हटानेके समान षडयंत्र कर सकते हैं । इसलिए इस विषयमें सतर्क रहकर शासकोंको अपने कर्तव्यका भान कराएं ! – संपादक )
कल झुंडशाहीसे संभाजी ब्रिगेडके कार्यकर्ताओंद्वारा केवल ब्राह्मणद्वेषसे प्रेरित होकर यह पुतला हटाया गया । तत्पश्चात वह पुतला शिवाजी महाराजकी समाधिके बाई ओर स्थित पोलींद तालाबके समीप झाडीमें फेक दिया गया था । इसलिए आक्रोशित शिवप्रेमी एवं शिवसैनिकोंद्वारा इस घटनाका तीव्रतासे धिक्कार किया गया । शिवसैनिकोंने संभाजी ब्रिगेडके कार्यकर्ताओंको मारपीट की एवं कुछ लोगोंगी गाडियां फोडी । इसलिए संपूर्ण रायगढ आक्रोशित हो उठा था । इस घटनासे प्रशासनपर दबाव आया । इसलिए प्रशासनने कल ‘वाघ्या कुत्ते’ का पुतला मिलनेपर उसे पहले जैसाही खडा किया । पुलिसद्वारा संभाजी ब्रिगेडके कार्यकर्ताओंके विरोधमें डाका डालना, पुलिसको मारपीट करना ऐसे अपराधोंकी प्रविष्टि की गई है । उन्होंने संभाजी ब्रिगेडके ७३ कार्यकर्ताओंको बंदी बनाकर उनकी १० गाडियां नियंत्रणमें लीं । उन्हें महाड न्यायालयमें उपस्थित करनेपर २ दिनकी पुलिस कोठरीमें रखनेके आदेश मिले हैं ।
तोडफोड कर इतिहास नहीं बदला जा सकता ! – राष्ट्रीय प्रवचनकार डॉ.सच्चिदानंद शेवडे
तोडफोड कर इतिहास नहीं बदला जा सकता । मनुष्योंको मारकर एवं स्थलोंको ध्वस्त कर जो इतिहास बना है, उसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता । ‘वाघ्या कुत्ते’ का पुतला हटानेकी घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी । छगन भूजबल एवं सुनील तटकरेपर लगाए गए भ्रष्टाचारके आरोपसे सबका ध्यान हटाने हेतु ऐसे षडयंत्र रचे गए होंगे, ऐसा संदेह व्यक्त किया जाए तो, कोई आश्चर्य नहीं है । अंतमें ‘तोडो, फोडो एवं राज्य करो’ ऐसी मानसिकता रखनेवाले लोगोंको समाज अस्वीकार करता है । जो निर्माण नहीं कर सकते, वे ही इसप्रकारके विकृत कार्य करते हैं ।
अफजलखानकी समाधिके आसपासका अवैध निर्माण कार्यभी ध्वस्त करें !
वाघ्या कुत्तेका पुतला पुनः खडा करने हेतु जिसप्रकार सरकारने दायित्व लिया उसी प्रकार पुणेके लाल महलमें पापी संभाजी ब्रिगेडके कार्यकर्ताओंने तोडा हुआ दादोजी कोंडदेवका पुतला पुनः खडा करनेके लिए सरकारको दायित्व लेना चाहिए । क्या सरकारको दादोजी कोंडदेवकी अपेक्षा वाघ्या कुत्तेका पुतला महत्वपूर्ण लगा ? शिवाजी महाराजके सभी पराक्रमोंकी महानताका सरकारको बखान करना चाहिए । अफजलखानकी कबरके आसपासका अवैध निर्माणकार्य ध्वस्त किया जाना चाहिए ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात