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‘जी टॉकीज’पर लक्ष्मण, सीता तथा द्रौपदीका अनादर करनेवाला विज्ञापन बंद

भाद्रपद शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६

  • ‘जी टॉकीज’की ओरसे समितिको पत्रद्वारा आश्वासन !

  • हिन्दुओ, इस सफलताके सन्दर्भमें श्रीकृष्णके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !

मुंबई – जी टॉकीज मनोरंजन प्रणालपर जी कॉमेडी एवॉडर्स २०१४ इस कार्यक्रमके विज्ञापनमें हिन्दुओंके श्रद्धास्रोत लक्ष्मण, सीता तथा द्रौपदीका अनादर किया गया था । हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. सतीश कोचरेकरने पत्र लिखकर इस बातका निषेध व्यक्त किया था । परिणामस्वरूप जी टॉकीजने उसे उत्तर भेजकर यह सूचित किया है कि वे विज्ञापनपर पाबंदी डाल रहे हैं । ( हिन्दू जनजागृति समितिको प्राप्त इस छोटेसे ईश्वरीय अधिष्ठानके कारण ही यह सम्भव हो पाया है । बलशाली हिन्दूनिष्ठ संगठन इससे सीख प्राप्त कर क्या अपने कार्यकर्ताओंको साधना करनेके लिए बताएंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१. यह कार्यक्रम ५ अक्तूबरको आयोजित किया गया था । इस सन्दर्भमें प्रकाशित विज्ञानपमें सीताहरण एवं द्रौपदी वस्त्रहरण, इन प्रसंगोंका अनादर किया गया था ।

२. सीता लक्ष्मणके साथ उद्दण्डतासे बात कर गब्बरद्वारा अपहरण करनेके लिए सिद्ध होती हैं, साथ ही महाभारतके वस्त्रहरण प्रसंगमें यह प्रकाशित किया है कि दुर्योधन प्रवेश करता है तथा द्रौपदी वीभत्स हावभाव प्रदर्शित करती है ।

३. यह देखकर श्री. कोचरेकरने २३ अगस्तको पत्र भेजकर यह सूचित किया कि इस आपत्तिजनक विज्ञापनपर पांबदी डालें तथा इससे आगे इस प्रकारका कोई भी विज्ञापन प्रसारित न करें ।

४. इसका उत्तर देते हुए जी टॉकीजने बताया है कि यह विज्ञापन केवल हास्यनिर्मिति हेतु प्रसारित किया गया था । किसीकी भावना आहत करनेका हमारा उद्देश्य नहीं था । (जी टॉकीज क्या इस प्रकार अहिन्दुओंके श्रद्धास्रोतोंका अनादर करनेका दुस्साहस करती ? क्या हिन्दू ऐसा समझें कि हिन्दू असंगठित होनेके कारण ही इस प्रकारसे अनादर किया जा रहा है ? सर्वप्रथम भावना आहत करना तथा केवल हास्यनिर्मिति हेतु ऐसा किया, यह बताकर उसका समर्थन करना, यह कैसा युक्तिवाद ? इस स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना अनिवार्य है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) किंतु अपनी प्रतिक्रियाका आदर कर हम इस विज्ञापनपर प्रतिबंध डाल रहे हैं । अपनी प्रतिक्रियाएं सूचित करें ।

स्त्रोत: दैनिक सनातन प्रभात

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