केपे (गोवा) : गुढी (पारोडा) केपे में श्री ब्रह्मदेव की मूर्ति का सिर एवं हाथ तोडने की, साथ ही गुंबज के ऊपरी भाग के भंजन की निंदनीय घटना १७ मार्च की रात में हुई। १८ मार्च को सवेरे पूजा हेतु ग्रामवासियोंके वहां आने पर भंजन की यह घटना उनको ज्ञात हुई।
इस संदर्भ में गुढी के निवासी श्री. आनंद गावकरद्वारा पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात पुलिस ने श्वानदल के साथ आकर घटनास्थल पर पूछताछ की तथा मूर्तिभंजन का परिवाद प्रविष्ट कर पंचनामा किया। पुलिस ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में अज्ञात समाजकंटकोंके विरोध में भारतीय अपराध धारा २९५ एवं ४२७ के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया।
(यह चित्र किसीकी धार्मिक भावना को ठेस पहुचाने हेतु प्रकाशित नहीं किया गया है,
हिन्दु देवताओंका किस प्रकार अनादर किया जाता केवल यह दर्शाने हेतु यह प्रकाशित किया है)
इसके पूर्व मार्ग के बाजू में ही स्थित इस गुंबज के निकट की अर्पणपेटी में से पैसे चुराए जाने की घटनाएं भी एक-दो बार हुई थीं; किंतु इसके संदर्भ में परिवाद न किए जाने के कारण इसकी कोई चर्चा नहीं हुई।
ग्रामवासियोंने गुंबज एवं देवता की मूर्ति पर आक्रमण करनेवाले समाजकंटकोंको तुरंत पकडकर उन पर कार्यवाही करने की मांग की है।
पारोडा छोटे चैपेल के स्थान पर कांच तोडने एवं मूर्ति की तोडफोड की घटना
गुढी के मंदिर का भंजन होने के स्थान से लगभग २ कि.मी. की दूरी पर स्थित पारोडा में छोटे चैपेल जैसे क्रॉस के स्थान पर कांच तोडने की तथा वेलंकिणी की मूर्ति तोडने की घटना भी हुई है !
मूर्तिभंजन तो बिलिवर्सवालोंका षड्यंत्र ! – पंच श्री. दिलीप गावकर
यह बिलिवर्सवालोंका षड्यंत्र है, ऐसी प्रतिक्रिया स्थानीय पंच श्री. दिलीप गावकर एवं अन्य धर्माभिमानियोंने व्यक्त की।
यहां के कांग्रेस के सांसद छत्तीसगढ के चर्च पर हुए आक्रमण के विषय में राज्यसभा में आवाज उठाते हैं; परंतु गोवा में ही मूर्तिभंजन एवं मंदिर में हुई चोरी की सैकडों घटनाएं होने पर कोई भी जनप्रतिनिधि उस पर आवाज नहीं उठाता !
हिन्दुओ, आपके श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करने हेतु अब आप स्वयं सिद्ध हों !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात