धर्मांध फल-विक्रेताओंकी उद्दंडता !
इन धर्मांधोंकी बढती उद्दंडता को नियंत्रित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना ही एकमात्र उपाय है !
जलगांव : जलगांव महापालिकाद्वारा यहां के शिवाजी मार्ग का अतिक्रमण हटाया गया था; परंतु धर्मांध फल-विक्रेताओंने फिर से उनकी गाडियां मार्ग पर खडी कर दीं !
उन्हें पूर्व में चेतावनी दी गई थी, फिर भी उनकी उद्दंडता वैसी ही थी !
पुलिस संरक्षण में मनपा का ‘अतिक्रमण विरोधी पथक’ अतिक्रमण हटाने गया, तो इन धर्मांध फल-विक्रेताओंने पथराव कर अपनी उद्दंडता का परिचय दिया ! (इस से ध्यान में आता है कि, धर्मांधोंको ‘पुलिस’ का भी कोई भय प्रतीत नहीं होता ! ऐसी पुलिस जनता की क्या रक्षा करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस प्रकरण में पुलिसद्वारा ७ धर्मांधोंको नियंत्रण में लेकर उन पर अपराध प्रविष्ट किए गए हैं।
पिछले कुछ दिनोंसे जलगांव महापालिका की ओर से ‘अतिक्रमण हटाओ’ अभियान चलाया जा रहा है। कुछ अतिक्रमणधारी एवं हाथगाडी पर खाद्य व्यवसाय करनेवालोंने स्वयं आगे आकर अपनी गाडियां हटार्इं एवं महानगरपालिकाद्वारा दी गई जगह पर अपने अपने व्यवसाय शुरू किए।
उसी तरह महापालिकाद्वारा शिवाजी मार्ग पर स्थित फलविक्रताओंद्वारा किया गया अतिक्रमण भी हटाया गया था। इस प्रकरण में कुछ फल-विक्रताओंद्वारा संभाजीनगर उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की गई थी; परंतु परिणाम महापालिका के पक्ष में घोषित किया गया।
ऐसा होते हुए भी, उच्च न्यायालय के निर्णय का अलग अर्थ निकाल कर इन उद्दंड धर्मांध फल-विक्रेताओंने अतिक्रमण करते हुए फलोंकी गाडियां पुनः शिवाजी मार्ग पर खडी कीं ! (इस से ध्यान में आता है कि, ये ‘धर्मांध’ कानून को भी नहीं मानते ! जनता की मांग है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधनवाले शासन, ऐसे धर्मांधोंपर कठोर कार्रवाई करे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस अवसर पर महापालिकाद्वारा उन्हें समझाने का भी प्रयास किया गया; (अतिक्रमण करनेवालोंको समझानेवाले नहीं, अपितु उन पर कठोर कार्रवाई करनेवाले प्रशासन की आवश्यकता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) परंतु धर्मांध फल-विक्रेताओंने वहां से हटना अस्वीकार कर दिया। महापालिका के पथक ने इस अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया, तो इन फल-विक्रेताओंने उन्हें ‘फल’ फेंक कर मारा !
पुलिस के हस्तक्षेप करने पर इन धर्मांधोंने पुलिस पर ही पथराव किया, तो पुलिस ने सौम्य लाठीमार किया। पुलिस के लाठीप्रहार करने पर पुनः तनाव उत्पन्न हुआ। स्थिति पर नियंत्रण पाते हुए पुलिस ने कुछ धर्मांधोंको बंदी बनाया।
इस क्षेत्र में धर्मांध फलविक्रेता हमेशा उद्दंडता से आचरण करते हैं। वे फल की गाडियां इस प्रकार से लगाते हैं, जिस से मार्ग पर यातायात करना कठिन हो जाता है। इस से वाहनोंके साथ पदपथ पर चलनेवालोंको भी कष्ट होता है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात