आश्विन कृष्ण पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११६
पुणे (महाराष्ट्र) – केवल हिन्दुओंके ही उत्सवमें पर्यावरणका भान रखनेवाले तथाकथित पर्यावरणप्रेमियोंद्वारा समितिके विरोधमें झूठा परिवाद प्रविष्ट करनेका समाचार ४ सितम्बरके ‘पुणे मिरर’ दैनिकमें प्रकाशित हुआ था । इस समाचारमें यह प्रकाशित किया गया है कि समितिके कार्यकर्ता कृत्रिम कुंडके पास खडे होकर श्रद्धालुओंको श्री गणेशमूर्ति विसर्जन करनेके लिए बाध्य कर रहे हैं, ऐसा कर, पर्यावरण रक्षा कानूनका उल्लंघन किया जा रहा है, यह बताकर अधिवक्ता विकास शिंदेने पुणे महानगरपालिका आयुक्त तथा पुलिस आयुक्तोंके पास हिन्दू जनजागृति समितिके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट करते हुए समितिपर कार्रवाई करनेकी मांग की है । इस परिवादमें कुछ अर्थ नहीं है । इस माध्यमसे केवल हिन्दू जनजागृति समितिकी अपकीर्ति करनेका षडयंत्र है, यह बताकर समितिद्वारा कथित पर्यावरणवादियोंके विरोधमें पुणे पुलिस आयुक्त सतीश माथुरके पास परिवाद प्रविष्ट किया गया है । इस परिवादमें यह मांग की गई है कि, समितिकी अपकीर्ति करनेका प्रयास करनेवाले सम्बन्धित व्यक्तयोंपर कार्रवाई करनी चाहिए ।
समितिने याचिकाद्वारा यह मांग की कि समितिद्वारा अनेक वर्षोंसे गणेशोत्सव निमित्त विभिन्न प्रबोधनात्मक कार्यक्रमोंका आयोजन किया जाता है । इसके अंतर्गत प्रतिष्ठापित गणेशमूर्तिका विसर्जन शास्त्रीय पद्धतिसे कर उत्सव संपन्न करना चाहिए, समितिद्वारा इस संदर्भका प्रबोधन किया जाता है । इस वर्ष यहांके ओंकारेश्वर घाटपर अशास्त्रीय पद्धतिसे मूर्ति इकट्ठा कर अभियानके कारण होनेवाली हिन्दू धर्मकी हानि रोकने हेतु समितिद्वारा शांतिपूर्वक तथा कानूनकी कक्षामें रहकर अभियान आयोजित किया गया । जनताद्वारा अभियानको उत्तम प्रतिसाद भी प्राप्त हुआ । किंतु अकारण समितिको कानूनी प्रक्रियामें गूंथने हेतु शासकीय तंत्रका तथा कानूनमें होेनेवाली सुविधाओंका अनुचित उपयोग कर यह झूठी याचिका प्रविष्ट की गई । अतः समितिविरुद्ध प्रविष्ट की गई याचिकाकी ओर अनदेखा कर पुलिसको अनुचित सूचना देकर दिशाभ्रम करनेके संदर्भमें सर्व सम्ब न्धित व्यक्तियोंपर अपराध प्रविष्ट करना चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात