लव जिहाद की शिकार युवती पर ही पुलिसने प्रविष्ट किया अपराध !
अलीगढ : लव जिहाद का शिकार बनी युवती पर ही पुलिस ने अपराध प्रविष्ट किया है। इसका हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने विरोध किया है । पश्चिम बंगाल की इस युवती ने यहां के एक जिहादी युवक पर धर्मांतरण कराकर उसका शारीरिक शोषण करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। वह शुक्रवार को आरोपी से मारपीट कर थाने पहुंची थी। (एेसी पुलिस से जनता न्याय की अपेक्षा कैंसे करेगी ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
पश्चिम बंगाल की इस युवती के पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में मां व एक भाई है। युवती की पांच साल पहले एक मिस्ड कॉल के जरिए धर्मांध युवक के संपर्क में आई थी । युवकने स्वयं को फैशन डिजाइनर बताकर गोवा में नौकरी लगवाने का उसे प्रस्ताव दिया था। वह १४ सितंबर २०१५ को गोवा पहुंची, जहां युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जिससे वह गर्भवती हो गई। २७ अक्टूबर को उसे अलीगढ बुला लिया गया। यहां धर्म परिवर्तन कराकर आरोपी ने उससे विवाह कर लिया। धर्म परिवर्तन से मना करने पर धमकी दी गईं। आरोप है कि पति उसे दोस्तों के सामने गोमांस परोसने के लिए विवश करने लगा तो २५ मार्च को वह उसके चंगुल से भाग निकली। युवती पुलिस की हिरासत में है। शनिवार को दीनदयाल अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया।
पीडित युवती से शनिवार को महापौर शकुंतला भारती ने दीनदयाल अस्पताल पहुंचकर मुलाकात की और हर संभव मदद का विश्वास दिया। पीडिता ने उनके सामने भी जबरन धर्मांतरण व शारीरिक शोषण की बात दोहराई। भाजपा व हिंदूवादी संगठनों के नेताओं के साथ पहुंची महापौर को पीड़िता ने बताया कि पति के चंगुल से निकलकर वह जमालपुर चौकी पहुंची।
उन्होंने आरोप लगाया कि, चौकी प्रभारी अहमद हसन ने मेहर लेकर समझौता करने का दबाव बनाया। समझौता न करने पर जेल की हवा खिलाने की धमकी दी। पीडिता ने महापौर से आरोपी पति के विरूद्ध कार्रवाई कराने और उसके घर पहुंचाने की गुहार लगाई।
महापौर ने फोन पर युवती की उसके भाई से बात कराई तो वह रो पड़ी। उसने माना कि उसका फैसला गलत था। यदि उसने परिवार की बात मानी होती तो यह दिन देखना न पडता।
न्याय न मिला तो आंदोलन
महापौर के अनुसार, इस मामले में चौकी प्रभारी अहमद हसन की भूमिका संदिग्ध है। आरोपियों को सजा एवं पीडिता को न्याय न मिला तो भाजपा व हिंदूवादी संगठन आंदोलन को बाध्य होंगे।
स्त्रोत : जागरण