आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
श्री गणेशमूर्तियोंकी शोभायात्रापर आक्रमण करनेवाले धर्मांधोंको न पकडनेका परिणाम
हिन्दुओ, ऐसी दुःस्थति पुनः न उत्पन्न होने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करें !
उमरखेड (जनपद यवतमाल, महाराष्ट्र) – २९ अगस्तको गणेशमूर्तिको लाते समय धर्मांधोंने शोभायात्रापर आक्रमण किया, जिसमें गणेशमूर्ति आहत हुई । इसका विरोध करते हुए संबंधित धर्मांधोंपर पुलिसद्वारा कार्यवाही करने हेतु यहांके ५६ गणेशोत्सव मंडलोंद्वारा अपनी मूर्तियां विसर्जित नहीं की गई थीं; परंतु ९ सितंबरको लोकप्रतिनिधियोंद्वारा मध्यस्थता किए जानेपर हिन्दुओंद्वारा पुलिसके आश्वासनपर विश्वास रखकर गणेशमूर्तियां विसर्जित की गर्इं ।(हिन्दुओंके आस्थास्थानोंपर आक्रमण होते हैं । पुलिस धर्मांधोंको पकडनेका कष्ट भी नहीं करती तथा सहिष्णु हिन्दू पुनः-पुनः लोकप्रतिनिधिके आश्वासनोंकी बलि चढते हैं । धर्मांधोंके विषयमें क्या इस प्रकारकी मध्यस्थता करनेका साहस राजनेता अथवा पुलिस कर सकते हैं ? क्या उन्हें इस बातकी ज्ञान है कि उसके दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं ? हिन्दुओ, आपके आस्थास्थानोंकी रक्षाके लिए भी ऐसी ही लडाई करनेकीr सिद्धता रखी गई, तभी आपकी मांगे स्वीकार होंगी, यह ध्यानमें रखें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. २९ अगस्तको श्री गणेशजीकी स्थापनाके दिन धर्मांधोंने गणेशमूर्तिका अनादर किया । इस विषयमें परस्परविरोधी परिवाद प्रविष्ट fिकए गए थे । उसके अनुसार पुfिलसद्वारा अपराध प्रविष्ट किए गए थे । (धर्मांधोंद्वारा आक्रमण होते हुए भी हिन्दुओंपर अपराध प्रविष्ट करनेकी आवश्यकता ही क्या है ? ऐसी पक्षपाती पुलिस भविष्यमें धर्मांधोंको पकडेगी ही, इसकी क्या निाqश्चती है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. इसके विरोधमें स्थानीय औदुंबर गणेश उत्सव कृति समितिद्वारा दायित्व लेकर आंदोलनकी चेतावनी दी गई थी । श्रीराम मित्र मंडलके परिवादके अनुसार संबंधित अपराधियोंको बंदी न बनाए जानेके कारण तीन दिनतक नगरकी बाजारपेठ बंद थी । (अर्थात इस बंदसे नागरिककोंकी हुई हानिके लिए पुलिसकी निष्क्रियता ही कारणभूत है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. धर्मांधोंको अबतक बंदी नहीं बनाया गया है । पुलिसद्वारा मंडलपर लगाए गए अपराध भी पीछे नहीं लिए गए है । इसलिए जनपद प्रशासन एवं कृति समितिमें विसर्जनके दिनतक मेल नहीं हो पाया ।
४. मंडलद्वारा दोनों मांगे स्वीकार हुए बिना मूर्तिविसर्जन न करनेकी भूमिका अपनाई गई थी । अतः अनंत चतुर्दशीके उपरांत भी गांवके उत्सवमें मूर्तियां वैसी ही रखी थीं ।
५. अंतमें शिवसेनाके विधायक श्री.संजय राठोड, विधायक श्री. विजय खडसे, भूतपूर्व सांसद सुभाष वानखेडे, औदुंबर गणेश उत्सव कृति समितिके अधिवक् ता संजय जाधव, रमेश चौहान आदि के साथ कुछ धर्मांधोंके प्रतिनिधियोंने भी मध्यस्थता की । पुलिसद्वारा संबंधित धर्मांधोंको पकडनेका आश्वासन दिए जानेके उपरांत पैनगंगा नदीमें मूत्र्ति विसर्जन किया गया । (अब उन धर्मांधोंको पकडकर दण्ड मिलनके लिए अनुवत्र्ती प्रयास करनेका दायित्व हिन्दू लोकप्रतिनिधिका है । उसके लिए उन्हें निरंतर पुलिसोंका अनुवत्र्ती प्रयास करना चाहिए ! – संपादक)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात