विगत १४ वर्षोंसे, सफलता से चलता आ रहा हिन्दू जनजागृति समिति का ‘खडकवासला जलाशय रक्षा – अभियान’ !
पुणे : ‘धूलिवंदन एवं रंगपंचमी’ के अवसर पर रंग से लतपत हो कर खडकवासला जलाशय में उतरने से होनेवाला पानी का प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से चलाया गया ‘खडकवासला जलाशय रक्षा – अभियान’ शतप्रतिशत सफल हुआ !
रंगपंचमी के दिन (२८ मार्च) सायं. ६ बजे इस सफलता से इस अभियान का समापन किया गया।
इस अभियान के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता एवं ‘कमिन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ आस्थापन के अधिकारी तथा कर्मचारी जलाशय के चारों ओर ‘मानवी-शृंखला’ बना कर खडे थे !
इस समय सभी कार्यकर्ता ‘नहीं चाहिए प्रदूषित पानी, नहीं चाहिए धर्महानि, त्यौहार तो मनाएंगे, आनंद ले कर !’, ‘यदि आज हो गई जलाशय की हानि, तो कल सहनी पड़ेगी आणीबाणी’, ‘स्वच्छ एवं निर्मल जल ही जीवन है’ ऐसे प्रबोधनात्मक घोषणाएं लिखे फलक हाथ में धारण किए हुए जलाशय के चारों ओर खड़े थे।
‘सामाजिक बंधन’ का भान रख कर एवं ‘सूखे’ की पार्श्वभूमि पर निर्मल जल का महत्व जान कर पिछले १४ वर्ष से हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा इस अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
पिछले ३ वर्षोंसे ‘कमिन्स इंडिया’ आस्थापन भी इस अभियान में सम्मिलित हो रहा है। सिंचाई विभाग, पुलिस-प्रशासन तथा ग्रामवासियोंके साथ शिवणे के ‘पूनमचंद ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन’ के श्री. विक्रम डांगे एवं कोथरूड के आशीर्वाद मंगल कार्यालय के श्री. अतुल जोशी, ‘जस्ट फ्रैंकी’ उपाहारगृह के स्वामी श्री. मनोज पाटिल इन सब का भी इस अभियान की सफलता के लिए सहयोग मिला।
अनेक लोगों ने जलाशय के स्थान पर लगाए गए समिति के कक्ष को भेंट दे कर इस अभियान की प्रशंसा की। समिति का ‘कक्ष’ देख कर वहां आए श्री. बाळासाहेब मोरे ने भी जल-विषयक जागृति की विशेष प्रशंसा कर कहा कि, इसका अधिक व्यापक मात्रा में प्रसार होना चाहिए !
‘अकारण’ विवाद उत्पन्न करनेवाले धर्मांध परिवार को रोकने हेतु, पुलिस को बुलाना पडा !
धूलिवंदन के दिन खडकवासला जलाशय के आसपास शृंखला बना कर कार्यकर्ता खडे थे, उस समय वहां एक मुसलमान परिवार आया। समिति की एक महिला कार्यकर्ताद्वारा उन्हें बताया गया कि वहां जाने पर प्रतिबंध है, तो उन्होंने हठ करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की एवं कहा कि, ‘क्या, पानी की ओर सिर्फ देखने से कम हो जायेगा, क्या ? यदि ऐसा है, तो आप, अपनी ‘होली’ ही बंद करो !’
वे वहां से जाने के लिए सिद्ध नहीं थे !
इसलिए अंत में पुलिस को बुलाकर उन्हें वहां से हटाना पडा ! (‘विवाद’ के लिए विवाद उत्पन्न करनेवाले धर्मांध ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात