बेलगांव (कर्नाटक) में लव जिहादके कारण हुई हिंसाकी घटना

आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६

  • बेलगांवमें कांग्रेसके राज्यमें निरंतर चार दिनोंसे धर्मांधोंद्वारा ऊधम आरंभ ही !

  • धर्मांधोंकी यह उद्दण्डता निरंतरके लिए समाप्त करने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना अनिवार्य है !

बेलगांव (कर्नाटक) – १० सितम्बरको धर्मांधोंद्वारा आरम्भ की गई हिंसा ४ दिनोंसे चल ही रही है । इसमें चुन चुनकर हिन्दुओंके ही वाहनोंको जलानेकी शृंखला चालू है; किंतु यह बात स्पष्ट है कि पुलिसद्वारा धर्मांधोंपर कडी कार्रवाई नहीं की जा रही है । (कांग्रेसके राज्यमें हिन्दू असुरक्षित ! ४ दिनोंसे धर्मांध ऊधम मचा रहे हैं; किंतु पुलिस उनका प्रतिकार करनेमें क्यों असमर्थ है ? इससे यह ध्वनित होता है कि धर्मांधोंको पुलिसका भय नहीं है । ऐसी पुलिसकी यदि आतंकवादियोंके हाथों हत्या होगी, तो क्या कभी उसका दुःख होगा ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१. १० सितम्बरके दिन लव जिहाद हेतु एक युवतीको उद्युक्त करनेवाले घमण्डी व्यापारीकी पिटाई की गई । इस बातसे संतप्त होकर धर्मांधोंने हिन्दुओंपर पूरी रात्रि आक्रमण किया था । उस समय धर्मांधोंने हिन्दुओंके २० वाहनोंको जलाया था । तदनंतर दूसरे दिन धर्मांधोंने मुंहमें कपडा लपेटकर ऊधम मचाया ।

२. १२ सितम्बरको पूरे दिन पथराव करते रहे थे । भडकल गलीके पास धर्मांधोंने एक दोपहिया वाहन जला दिया । रात्रि ९.३० बजे खडक गलीके निकटवाली मराठी पाठशालाके पास सोडेकी बोतलें तथा पथरावका वर्षाव किया ।

३. खानापुर मांसळी बाजारके निकट धर्मांधोंने बसपर पथराव किया । परिणामस्वरूप पहरेके दलमें वृद्धि कर १३ सितम्बर दोपहर १२ बजे पुलिसने गुटबंदीके आदेश दिए । देर रात्रिमें शेट्टी गली परिसरमें महावीर पाटिलका चारपहिएवाला वाहन जलाया गया । (आजतक सर्वदलके राजनेताओंद्वारा धर्मांधोंकी चापलूसी करनेके कारण ही धर्मांधोंको यह विश्वास हो गया है कि हमने कुछ भी किया, तो इस देशका कानून हमारा कुछ नहीं बिगाड सकता । अतएव वे हिन्दुओंको लक्ष्य बनाते समय किसीका भी भय नहीं रखते ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) इसलिए पुलिसद्वारा १४ सितम्बरतक हिंसापीडित क्षेत्रमें गुटबंदीके आदेश लागू किए गए हैं ।

४. इस सन्दर्भमें १३ सितम्बरको खडक गली, शेट्टी गली, चवाट गली, भडकल गली, दरबार गली, जालगार गलीके हिन्दू तथा मुसलमानोंके प्रमुखोंकी बैठक आयोजित की गई । उस समय अतिरिक्त जनपद पुलिसप्रमुख तथा प्रभारी पुलिस उपायुक्त बी.एन्. न्यामगौडाने यह आवाहन किया कि किसी भी परिस्थितिमें हिंसा करनेवालोंको नागरिकोंद्वारा आसरा नहीं दिया जाना चाहिए । अशान्ति उत्पन्न करनेका प्रयास करनेवाले समाजकंटकोंकी सूचना पुलिसको त्वरित दीजिए । (धर्मांधोंद्वारा ऊधम मचाकर हिन्दुओंको हानि पहुंचाना तथा पुलिसका कुछ भी कार्रवाई करनेकी अपेक्षा निरर्थक बैठकों एवं गुटबंदीका आदेश देना, इस बातका क्या अर्थ है ? ऐसी सूचना देनेके पश्चात यदि धर्मांध सुनते, तो क्या आजतक देशमें एक भी हिंसा होती ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


अद्ययावत

१४ सितंबर २०१४, आश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

बेलगांवमें २ दिन लव जिहादपर जंगलराज !

  • कांग्रेसके राज्यमें धर्मांधोंको दंगा करनेकी छूट !
  • केंद्रकी भाजपा सरकार कर्नाटकके धर्मांधोंको प्रतिबंधित करने हेतु  राज्य सरकारपर दबाव डालेंगे अथवा नहीं ?
  • हिन्दू युवतिको फंसानेका प्रयास करनेवाले धर्मांधोंको हिन्दुओंद्वारा सबक सिखानेपर क्रोध
  • चार माहमें पांचवा दंगा

बेलगांव (कर्नाटक) – यहांके एक धर्मांधने हिन्दू युवतीको फंसानेका प्रयास किया, इस कारण हिन्दुओंने उसे फटकारा । उस समय उद्दंडतासे व्यवहार करनेवाले धर्मांधकी हिन्दुओंने पिटाई की । इस निमित्तसे यहांके धर्मांधोंने पिछले दो दिनोंतक दंगा किया, जिसमें बेलगांवके हिन्दूू झुलस गए हैं । (हिन्दुओ, और कितने दिनतक धर्मांधोंसे मार खाना है, यह स्थायी रूपसे एक बार निश्चित करें ! जबतक इस देशमें धर्मांधोंकी चापलूसी करनेवाले राजनेता हैं, तबतक इस स्थितिमें परिवर्तन नहीं होगा । इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही आवश्यक है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१. १० सितंबरको संध्या समय माज मुक्तियार बेपारी (आयु २० वर्ष, निवासी कैम्प) नामक युवक एक हिन्दू युवतीको फंसानेका प्रयास कर रहा था । (लवजिहादने कोहराम मचा रखा है । ऐसी स्थितिमें ऐसे धर्मांधोंपर किस ह्रिन्दूको क्रोध नहीं आएगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

२. उसे हिन्दूओंने टोका, इसपर उसने उद्दंडतासे उत्तर दिए तथा भडकाऊ भाषाका प्रयोग किया । (आजतकके राजनेताओंद्वारा की गई चापलूसीके कारण ही धर्मांधोंकी ऐसी मानसिकता हो गई है कि हमने कुछ भी किया तो हमारा कोई कुछ बिगाड नहीं सकता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

३. इसलिए वहां एकत्रित हिन्दुओंने उसे मारा ।

४. इस बातका क्रोध मनमें रख रात्रि २०० से अधिक धर्मांधोंने  सिविल अस्पताल परिसरमें दंगा किया । (इससे यदि यह दंगा पूर्वनियोजित था, ऐसा कहा गया, तो उसमें क्या चूक है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

५. इस अवसरपर पुलिसने दंगा करनेवाले व्यक्तियोंपर लाठीप्रहार कर उन्हें तितर-बितर करनेका प्रयास किया; परंतु जाते समय धर्मांध अधिक आक्रमक हो गए ।

६. हिन्दुओंका जो भी वाहन उन्हें दिखा, उसपर अत्यधिक पथराव किए तथा कुछ वाहनोंको आग लगाई, जिसमें ७ चारपहिए एवं ६ दुपहिए वाहनोंकी बडी हानि हुई ।

७. धर्मांधोंने चवाट गलीके गणेश मंडपपर पथराव किया । (धर्मांधोंकी इस धर्मांधताको हिन्दुओंद्वारा धर्मशक्तिसे ही उत्तर दिया जाना चाहिए । इसलिए हिन्दुओंके लिए धर्माचरण, धर्मसंगठन तथा धर्मबंधुत्व अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) तत्पश्चात टोपी गली परिसरमें वाहनोंकी तोडफोड की गई ।

८. नाना पाटिल चौक परिसरमें पुलिसके केए २२ जी ६२६ क्रमांकके वाहनमें ४ पुलिस बैठे थे, धर्मांधोंने उनपर भी पथराव किया तथा कांच फोडे । (धर्मांधोंसे मार खानेवाली पुलिस धर्मांधोंसे हिन्दुओंकी रक्षा कैसे करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

९. काम समाप्त कर घर जानेवाले कन्नड दैनिकके कर्मचारी श्री. विश्‍वनाथ महांतेश कट्टीमनीपर (आयु २४ वर्ष) भीr आक्रमण किया गया । वे गंभीर रूपसे घायल हो गए ।

१०. सिविल अस्पताल रोडपर जीवनरेखा अस्पतालके सामने समाजकंटकोंने ट्रकपर पथराव किया । इस पथरावमें ट्रक चालक रामा चंद्रकांत कांबले (आयु २८ वर्ष, निवास गलतगा) घायल हो गया ।

११. इस आक्रमणका हिन्दुओंने भी प्रत्युत्तर देनेका प्रयास किया, जिसमें एक धर्मांध घायल हुआ; परंतु तबतक वहां पुलिस आ गई एवं उन्होंने हिन्दुओंपर लाठीप्रहार करना आरंभ किया ।

१२. इस अवसरपर पुलिसकर्मियोंने चवाट गल्लीमें कुसुम गजानन जाधव (आयु १० वर्ष ) नामक छोटे बच्चीको भी नहीं छोडा । अतः महिलाएं संतप्त हो गर्इं ।

१३. २०० हिन्दू महिलाएं आगे आकर क्रोधित हो पुलिसकर्मियोंसे प्रश्न किया कि धर्मांधोंंको नियंत्रणमें न लेकर छोटे बच्चियों एवं हिन्दुओंको क्यों मारते हो ? उस समय महिलाओं एवं पुलिसमें विवाद हुआ । (पुलिसको क्रोधित होकर प्रश्न पूछनेवाली हिन्दू रणरागिनियोंका अभिनंदन ! ऐसी हिन्दू महिलाएं सर्वत्र हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

१४. वाहनकी सुविधा न रहनेसे कुसुमके पिताजी उसे कंधेपर लेकर अस्पताल गए ।

१५. संपूर्ण रात्रि धर्मांध कहीं-ना-कहीं पथराव कर ही रहे थे ।

१६. देर रात्रि पुलिसद्वारा दोनों गुटोंपर अपराध प्रविष्ट किए गए; परंतु दूसरे दिन भी धर्मांधोंपर इसका कुछ परिणाम नहीं हुआ ।

१७. दूसरे दिन अर्थात ११ सितंबरको भी धर्मांध मुंहमें कपडा बांधकर फोर्ट रस्ता एवं खडेबाजारकी ओर आक्रमक होकर बढे । उन्होंने एकाएक भीडपर पथराव चालू किया । इसलिए हिन्दू तितर-बितर  हो गए । (कांग्रेसके राज्यका जंगलराज यही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

१८. धर्मांधोंके समूहने शीतल होटल परिसर तथा पै इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूमपर अत्यधिक पथराव किया तथा इस दुकानके सामनेके दुपहिया वाहनको आग लगा दी ।

१९. पुनः धर्मांधोंके समूहने भागते हुए मार्गपर खडा एक हिन्दूके  रिक्शाको तोड डाला ।

२०. पुरोहित स्वीट्स एवं संगम होटलके कांच फोडे गए ।

२१. उस समय निर्दोष हिन्दुओंको भी पुलिसकी मार खानी पडी ।

२२. गुरुवारको दिनभर धर्मांधोंके आक्रमणकी अफवाहें फैलती रहीं  ।

२३. पुलिसद्वारा ३ हिन्दू एवं ८ धर्मांधोंको बंदी बनाया गया है । सभीको हिंडलगा कारागृहमें भेजा गया है ।

२४. अतिरिक्त फौज मंगवाकर धर्मांधोंको नियंत्रित किया गया । धर्मांध कभी भी उद्रेक कर सकते हैं, इस आशंकाके कारण हिन्दुओंको प्राण संकटमें डालकर रहना पडता है ।

चार माहमें पांचवा दंगा

पिछले ४ माहमें बेलगांवमें सांप्रदायिक दंगेकी यह पांचवीं घटना है । इससे यहांके धर्मांधोंकी आक्रमकता स्पष्ट होती है । २ जूनको हिन्दुओंद्वारा देवी-देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंके अनादरके विरोधमें बंदका आवाहन किया गया, तो धर्मांधोंने उनपर आक्रमण किया । ३ जूनको अनगोल-मजगावमें धर्मांधोंने हिन्दुओंको लक्ष्य बनाया । ८ जूनको खडक गली एवं जालगार गलीमें तनाव उत्पन्न किया गया । २६ जुलाईको येळ्ळुरमेें मराठी फलकको लेकर दंगा हुआ एवं १० अगस्तको पुनः धर्मांधोंने मामूली कारणको लेकर दंगा किया । (इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेसके राज्यमें धर्मांधोंको दंगा करनेकी कितनी छूट मिलती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

हिन्दुओंपर आक्रमण करनेकी प्रतिक्षा करनेवाले धर्मांधोंको हिन्दू स्पष्ट रूपसे प्रत्युत्तर देना कब सीखेंगे ? गणेशोत्सवकी कालावधिमें ४ सहस्र ५०० से अधिक पुलिसकर्मी गांवमें बंदोबस्तके लिए नियुक्त किए गए थे । पिछले दंगेके आधारपर पुलिसने धर्मांधोंपर पैनी दृष्टि रखकर उन्हें कुछ अधिक गतिविधि नहीं करने दिया । एक स्थानीय व्यक्तिने बताया कि विसर्जनके पश्चात नगरके पुलिसकर्मियोंकी संख्या न्यून होते ही धर्मांधोंने पुनः अपनी गतिविधियां आरंभ कीं । (हिन्दुओ, ऐसे धर्मांधोंको सबक सिखाने हेतु आप स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लेकर संगठित रूपसे सिद्ध हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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