पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के विविध घोटाले का प्रकरण
विधानसभा में शिवसेना कोल्हापुर के विधायक श्री. राजेश क्षीरसागरद्वारा घोटाले करनेवालोंपर कार्रवाई करने की जोरदार मांग
मुंबई : शिवसेना कोल्हापुर के विधायक श्री. राजेश क्षीरसागरद्वारा विधिमंडल के अधिवेशन में लक्षवेधी सूचना पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति में विविध घोटाले हुए हैं। यह घोटालें बहुत व्यापक है एवं अब इस घोटालें के समय समिति में कार्यरत तत्कालीन अधिकारी राज्य के विविध क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इसलिए इसकी जांच में विलंब हो रहा है, परंतु घोटाले की जांच तीव्रगति से हो रही है।
विवरण प्राप्त होते ही सब पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण में राज्यशासन का उद्देश्य, किसी के भी समर्थन का नहीं है !
हिन्दू विधिज्ञ परिष्दद्वारा स्पष्ट किया गया था कि, महाराष्ट्र के आराध्यदेवता में साढेतीन शक्तिपीठ में एक श्री महालक्ष्मी देवस्थान न्यास एवं कुलदेवता श्री ज्योतिबा के साथ ३ सहस्र ६७ मंदिरोंका व्यवस्थापन सम्हालनेवाली पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समितिद्वारा भीषण घोटालें किये गये है।
इस संदर्भ में शिवसेना के कोल्हापुर के विधायक श्री. राजेश क्षीरसागरद्वारा अप्रैल २०१५ में विधानसभा में लक्षवेधी सूचना प्रस्तुत कर इन घोटालेबाजोंपर कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई थी। इसके अनुसार मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रकरण में राज्य अपराध अन्वेषण विभाग के विशेष अन्वेषण दलद्वारा विस्तृत जांच करने का आश्वासन दिया था। इस संदर्भ में एक वर्ष व्यतीत होने पर भी कुछ कार्रवाई नहीं हुई अथवा किसी को बंदी बनाने की बात सामने नहीं आई।
इसलिए ३१ मार्च को विधानसभा में सांगली जिले के आटपाडी तहसील के श्री नाथ देवस्थान की लक्षवेधी सूचना पर बोलते हुए शिवसेना के विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर ने पुनः एक बार दृढता से पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के भ्रष्टाचार का सूत्र उपस्थित किया।
इस अवसर पर विधायक श्री. क्षीरसागर ने कहा कि, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समितिद्वारा भूमि, अलंकार एवं अन्य अनेक संदर्भ में भीषण घोटाले किए गए हैं। एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में विधानसभा में प्रस्तुत लक्षवेधी सूचना पर जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। उस जांच का आगे क्या हुआ ? इस घोटाले प्रकरण में किस पर कार्रवाई की गई ? कौन सी कार्रवाई हुई, इस संदर्भ में कुछ भी सामने नहीं आया। उसी प्रकार इस संदर्भ में शासन को जांच का विवरण कब प्राप्त होगा ?
इन सब प्रश्नोंके उत्तर में मुख्यमंत्री ने उपरोक्त उत्तर दिए।
सांगली के देवस्थान भूमि के अवैध विक्रय के प्रकरण में धर्मादाय आयुक्तद्वारा जांच आरंभ ! – मुख्यमंत्री
वर्ष २००८ में आटपाडी तहसील के (सांगली) दिघंची के श्री नाथ देवस्थान की भूमि के नकली दस्तावेजों में झूठी जानकारी घुसेड कर उस भूमि का विक्रय करने की बात उजागर हुई है। इस प्रकरण में धर्मादाय आयुक्तद्वारा जांच चल रही है।
३१ मार्च को विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस ने ऐसी जानकारी दी कि, उसका विवरण प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक श्री. हनुमंत डोळस तथा श्री. शशिकांत शिंदे इन्होंने लक्षवेधी सूचना प्रस्तुत की थी।
पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के सदस्य
१. डॉ. अमित सैनी, अध्यक्ष, जिलाधिकारी, कोल्हापूर
२. श्री. राजेंद्र देशमुख, राष्ट्रवादी के भूतपूर्व विधायक, आटपाडी एवं सदस्य,
३. श्री. हिरोजी परब, सिंधुदुर्ग, सदस्य,
४. श्री. बी.एन. पाटिल-मुगळीकर, सदस्य,
५. श्री. प्रमोद पाटिल, इचलकरंजी, सदस्य,
६. श्रीमती संगीता उदय खाडे, सदस्या,
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात