शिवजयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान देने हेतू हिन्दू जनजागृति समिति को निमंत्रण
भांडुप के साईलीला मित्रमंडल की ओर से शिवजयंती के अवसर पर समितिद्वारा व्याख्यान का आयोजन
भांडुप (पश्चिम मुंबई) : राजमाता जिजामाता ने छत्रपति शिवाजी महाराज को संगठन, संयम एवं संघर्ष ये ३ महत्त्वपूर्ण बातें सिखाई थीं। जिजामाता के संस्कारोंके कारण ही उन्होंने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की।
आज हमें भी ये ३ बातें आत्मसात कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना के पवित्र कार्य में सम्मिलित होना चाहिए; क्योंकि केवल ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही हमें हमारी खोई हुई सुखसंपन्नता एवं गतवैभव पुनः प्राप्त कर दे सकता है, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर ने यह प्रतिपादन किया।
![श्री. सुमित सागवेकर](https://www.hindujagruti.org/hindi/wp-content/uploads/sites/2/2016/04/shivjynti_Vakta_Shri-Sumit-sagvekar.jpg)
यहां के साईलीला मित्रमंडल की ओर से शिवजयंती के अवसर पर ‘राजमाता जिजाऊ, चरित्र’, इस विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया था, उसमें वे बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में १५० धर्माभिमानी एवं शिवभक्त उपस्थित थे।
साईलीला मित्रमंडल के कार्यकर्ता स्थानीय निवासियों से धनराशि एकत्र न कर स्वयं ही धन का त्याग कर शिवजयंती मनाते हैं। शिवजयंती के कार्यक्रम के लिए कुछ रुपए अल्प पडने के कारण मंडल के कार्यकर्ता श्री. नागेश रणदिवे की माताजी श्रीमती सुरेखा रणदिवे ने स्वयं का मंगलसूत्र गिरवी रखकर उससे प्राप्त धनराशि से शिवजयंती मनाई !
प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी बडे उत्साह के साथ कार्यकर्ताओंने संगठितरूप से २६ से २९ मार्च की अवधि में शिवजयंती उत्सव का आयोजन किया। साईलीला मित्रमंडल पूरा वर्ष बडी लगन के साथ शिवकार्य एवं समाजकार्य करता है !
क्षणचित्र
१. शिवजयंती के अवसर पर आयोजित चित्रप्रदर्शनी में राजमाता जिजामाता के जीवन के प्रसंग प्रस्तुत किए गए थे।
२. कार्यक्रम के स्थान पर इतिहासकालीन पुस्तक एवं शिवसाहित्य, साथ ही सनातन के ग्रंथोंकी प्रदर्शनी एवं वितरण का प्रबंध किया गया था।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात