आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
औंधमें (पुणे) कश्मीरी हिन्दू बलिदान दिनके निमित्त चर्चासत्र
बाएसे सर्वश्री रशनिक खेर, विशाल भट, रमेश शिंदे, सुशील पंडित एवं पनून कश्मीरके अध्यक्ष अजय च्रोंगू |
पुणे (महाराष्ट्र) – १४ सितंबरको कश्मीरी हिन्दू बलिदान दिनके निमित्त पनून कश्मीरद्वारा आयोजित कार्यक्रमके एक चर्चासत्रमें हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेने कश्मीरी हिन्दुओंसे रहनेवाले नातेके विषयमें भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि हिन्दुत्वके कारण कश्मीrरसे भारतियोंकी नाल निश्चित रूपसे संलग्न है । कश्मीर कश्यप ऋषिकी भूमि है । जिसका गोत्र ज्ञात नहीं होता, उसका गोत्र कश्यप बताया जाता है । इस कारणसे भी सभी हिन्दुओंका कश्मीरसे नाता है । सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हिन्दू जनजागृति समितिकी गतिविधियां ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करनेकी दिशामें चालू है । पनून कश्मीरकी स्थापना ‘हिन्दू राष्ट्र’का आरंभ होगा । इस कार्यक्रममें श्री. सुशील पंडित, पनून कश्मीरके अध्यक्ष श्री. अजय च्रोंगु, श्री. रशनिक खेर, श्री. राहुल राजदान, श्री. विशाल भट सम्मिलित थे । श्री. राहुल कौलने चर्चासत्रका सूत्रसंचालन किया ।
१. धारा ३७० के विषयमें अपना मत रखते समय श्री. सुशील पंडित, श्री. अजय च्रोंगु तथा श्री. रशनिक खेरने राजनीतिक इच्छाशक्तिके आधारपर यह धारा हटाए जानेकी संभावना है, ऐसा कहते हुए धाराकी कमियां भी ध्यानमें लाकर दी ।
२. श्री. खेरने अपना स्पष्ट मत व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीरीयत केवल भूल ही नहीं, अपितु सरहदसमान संस्थाओंका पैसा कमानेका व्यवसाय है ।
३. इस समय श्री.पंडितने अत्यंत धक्कादायक वास्तविकता बताई कि कश्मीरके किसी भी विद्यालयमें कश्मीरी भाषा नहीं सिखाई जाती ।
४. श्री. राहुल राजदानने बताया कि आगेकी पीढीको हिन्दुओंका इतिहास, संस्कृति, प्रथा तथा परंपराओंके विषयमें अवगत करानेकी आवश्यकताको देखते हुए विविध माध्यमोंद्वारा प्रयास होना आवश्यक है ।
५. वर्ष १९९० की दुर्घटनाके पश्चात जन्म लेनेवाले लोगोंका प्रतिनिधित्व करनेवाले युवा कश्मीरी श्री. विशाल भटने उनकी मातृभूमिके विषयमें भावना व्यक्त करते हुए कहा कि जिस कश्मीरमें महिलाओंको कुमकुम लगानेपर प्रतिबंध नहीं होगा तथा उनके पुुरुषोंको घंटी बजानेपर प्रतिबंध नहीं होगा, ऐसे कश्मीरमें कश्मीरी हिन्दुओंका पुनर्वसन होनेहेतु प्रयत्नशील रहेंगे ।
कार्यक्रममे रमेश शिंदेद्वारा किया गया काव्य..
एक हात मे माला है, एक हात मे भाला है । |
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
अद्ययावत
१६ सितंबर २०१४, आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
कश्मीरी हिन्दुओंका जिहादको गाडकर कश्मीर पुनः प्राप्त करनेका दृढ निश्चय
औंधमें (जनपद पुणे) कश्मीरी हिन्दू बलिदानके निमित्त कार्यक्रम
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बाए आेरसे कर्नल (निवृत्त) अनिल कौल, हिंदु जनजागृती समितीके श्री. रमेश शिंदे, दीपप्रज्वलन करते हुए मेजर
जनरल (निवृत्त) जी.डी. बक्षी, पनून कश्मीरके संयोजक डॉ. अग्निशेखर एवं पनून कश्मीरके अध्यक्ष डॉ. अजय च्रोंगु
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श्री. रमेश शिंदेजी को काश्मीर कीर्ती सन्मानपत्र देते हु्ए अमर मालमोही
१. डॉ. अग्निशेखर, ३. डॉ. अजय च्रोंगु, ५. आर्.सी. शिवपुरी
पुणे (महाराष्ट्र) – जिहादी आतंकवादियोंके कुकृत्य एवं हिन्दुओंके साथ तिनकेके समान व्यवहार करनेवाले निष्क्रिय शासनके कारण कश्मीरी हिन्दुओंपर उनकी ही जन्मभूमिमें (हिन्दुस्थानमें) विस्थापित होनेका समय आ गया । पिछले २४ वर्षोंसे विस्थापितोंका जीवन व्यतीत करनेवाले कश्मीरी हिन्दुओंद्वारा कश्मीरी हिन्दू बलिदान दिनके निमित्त जिहादी एवं देशद्रोहियोंको स्पष्ट रूपसे प्रत्युत्तर देने हेतु राष्ट्रीय स्तरपर पनून कश्मीर आंदोलन चलाकर एवं व्यापक संगठन कर पुनः एक बार कश्मीर प्राप्त करनेका दृृढसंकल्प किया गया । कश्मीरी हिन्दू बलिदान दिनके निमित्त औंधके पंडित भीमसेन जोशी सभागृहमें १४ सितंबरको कार्यक्रमका आयोजन किया गया था । उस समय उपस्थित हिन्दुओंने पनून कश्मीरकी (अपना कश्मीर) घोषणा करते हुए सभी लोगोंमें देशभक्तिकी ज्योति प्रज्वलित की । इस कार्यक्रममें ६०० से अधिक हिन्दू उपस्थित थे । इस अवसरपर पनून कश्मीरके संयोजक डॉ. अग्निशेखर, मेजर जनरल (निवृत्त) जी.डी. बक्शी, कर्नल (निवृत्त) अनिल कौल, पनून कश्मीरके अध्यक्ष डॉ. अजय च्रोंगु, श्री. रोहित भट, श्री. राहुल कौल, हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, शिक्षातज्ञ डॉ. शैलजा भारद्वाज, डॉ. अमर मालमोहीके साथ शिवसेनाके सांसद श्री. गजानन कीर्र्तिकर एवं भाजपाके पुणे सरचिटणीस श्री. संदीप खर्डेकर आदि मान्यवर उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात