आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
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कांग्रेसके राज्यमें विद्वेष फैलानेवाले भाषण करनेवाले धर्मांधोंको छूट दी जाती है; परंतु हिन्दुओंपर दबावतंत्रका उपयोग किया जाता है ! इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए !
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ऐसे पुलिसको ‘हिन्दू राष्ट्र’ में आजन्म कठोर साधना करनेका दंड दिया जाएगा !
अकोला (महाराष्ट्र) – महाराष्ट्र शासनकी ओरसे किए जानेवाले मंदिरोंके सरकारीकरणके विरोधमें यहांके सिविल लाईन चौकमें राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनद्वारा किए जानेवाले आंदोलनको पुलिसने एक सूचना (नोटिस ) देकर अनुमति अस्वीकार करनेके संबंधमें सूचित किया है ।
१. पुलिस निरीक्षक प्रकाश सावकारने इसका कारण बताते हुए कहा कि विधानसभा चुनावके अनुषंगसे आचारसंहिता लागू हो गई है एवं आंदोलनके लिए चौकमें खाली भूमि उपलब्ध नहीं है ।
२. पुलिसने धर्माभिमानी हिन्दुओंसे कहा कि आंदोलन करते समय यदि किसी भी कारणसे कानून एवंं सुरक्षाका प्रश्न उत्पन्न हुआ, तो आपको ही उत्तरदायी माना जाएगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
अद्ययावत
१६ सितंबर २०१४, आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
कल्याण (महाराष्ट्र) : पुलिसद्वारा लव जिहादके सन्दर्भमें जागृति करने हेतु आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनकी अनुमति अस्वीकृत !
कल्याणमें पुलिसकी मुगलाई !
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लव जिहादके सन्दर्भमें जागृति करने हेतु आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनकी अनुमति अस्वीकृत !
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अकबरुद्दीन ओवैसीका विषैला वक्तव्य चलता है; किंतु हिन्दुविघातक लव जिहादके विरोधमें जनजागृति करनेवाले हिन्दुओंका आंदोलन पुलिसको धोखादायी प्रतीत होता है !
कल्याण (महाराष्ट्र) : कल्याणमें लव जिहादके सन्दर्भमें जागृति करने हेतु १४ सितम्बरको आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलनके लिए कल्याण पुलिसने अनुमति अस्वीकृत कर दी है । उसका कारण यह बताया कि आगामी त्योहार-उत्सव ध्यानमें रखते हुए कानून-सुव्यवस्थाका प्रश्न उत्पन्न न हो; इसलिए आपकी अनुमति अस्वीकृत कर रहे हैं ।( प्रक्षोभक वक्तव्य देकर धार्मिक वातावरण कलुषित करनेवाले मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीनके विधायक अकबरुद्दीन ओवैसीने आचारसंहिता लागू होते हुए भी १२ सितम्बरको अत्यंत विद्वेषपूर्ण वक्तव्य दिया था । पिछले मास ठाणेमें प्रवेशबंदी होते हुए भी ईदनिमित्त आकर उन्होंने इफ्तारका भोजन मनाया । पुलिसने इस बातकी ओर अनदेखा किया; किंतु वैध मार्गसे किया गया तथा हिन्दूजागृति करने हेतु आरम्भ किया गया राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन उन्हें अस्वीकार है । इन बातोंसे, पुलिसवाले वैचारिक रूपसे मुसलमान बन गए हैं, यदि ऐसा प्रतीत हुआ, तो उसमें अनुचित क्या है ? ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याके सन्दर्भमें इतनी उदासीनता रखनेवाले पुलिसकर्मियोंकी यदि आजाद मैदानसमान हिंसामें धर्मांधोंद्वारा पिटाई हो, तो क्या कभी हिन्दू उन्हें बचानेके लिए जाएंगे ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात ) हिन्दूनिष्ठोंद्वारा यह सूचित किया गया है कि यह राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन वैध मार्गसे कार्यरत होनेवाले राष्ट्रप्रेमी एवं धर्मप्रेमी संगठनोंका आन्दोलन है । भविष्यमें पुलिसद्वारा पुनः अनुमति प्राप्त कर आन्दोलन किया जाएगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात