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शरणार्थियोंका यूरोप आना एक ‘सुनियोजित आक्रमण’ है, वे आयएसआयएस से लडते क्यों नहीं ? : चेक राष्ट्रपति

राष्ट्रपति मिलोस जेमों – लोग उन्हें एंटी माइग्रेंट्स नेता के रूप में ही जानते हैं !

प्राग : चेक गणराज्य के राष्ट्रपति मिलोस जेमों ने मध्य पूर्व में आतंकी हमले से पीड़ित यूरोप आ रहे शरणार्थियोंकी ना ही जमकर आलोचना की है अपितु उनके यूरोप में आने को एक सुनियोजित हमला करार दिया है।

राष्ट्रपति जेमों ने शनिवार को देशवासियोंको दिए गए अपने क्रिसमस संदेश में कहा कि, मैं बेहद गम्भीरता पूर्वक विचार करने के बाद ही बता रहा हूं कि, हम एक सुनियोजित आक्रमण का सामना कर रहे हैं और शरणार्थियोंका आन्दोलन हमारे लिए सहज नही है।

हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी यूरोपियन सभ्यता को मेहमानोंका स्वागत करनेवाला बताया।

उन्होंने शरणार्थियोंकी तुलना उन चेक निवासियोंसे की जिन्हें हिटलर और नाजियोंके विध्वंसक आक्रमणोंके कारण अपना देश छोडकर जाने पर मजबूर होना पडा था।

मिलोस ज़ेमों ने कहा कि, चेक निवासियोंने स्वतंत्रता पाने के लिए जब संघर्ष करने का निश्चय किया था तब भी उन्हें ब्रिटेन में किसी भी प्रकार की सामजिक सहायता नही मिली थी।

उन्होंने शरणार्थियोंपर हैरानी जताते हुए कहा कि, हमने देखा है कि इन अवैध शरणार्थियों में ज्यादातर युवा है, अच्छे हालत में हैं और सिंगल भी हैं आखिर वो हथियार उठाकर अपने देश की आजादी के लिए आयएसआयएस आतंकियोंसे लड़ते क्यों नही है ?

ज़ेमों को २०१३ में चेक गणराज्य का राष्ट्रपति चुना गया था। वे हमेशा से ही शरणार्थियोंके खिलाफ रहे हैं जिसे कई मौकोंपर उन्होंने सार्वजनिक रूप से भी व्यक्त किया है और ज्यादातर लोग उन्हें एंटी माइग्रेंट्स नेता के रूप में ही जानते हैं।

इससे पहले उन्होंने शरणार्थियोंके खिलाफ बेहद कडा रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि, ये शरणार्थी ही यूरोप में आतंकवाद ले आते हैं और ये एक वायरस की तरह फैलनेवाले रोग हैं।

वैसे एक हालिया सर्वे में भी ये बात सामने आयी है कि, चेक रिपब्लिक की ७० % जनता शरणार्थियोंकी घोर विरोधी है।

स्त्रोत : रिव्होल्ट प्रेस

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