आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
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गोधरा – गुजरात के गोधरा में विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदू संगठनों ने मुस्लिम युवकों को 'गरबा' से दूर रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया और इंदौर से बीजेपी विधायक उषा ठाकुर पहले ही इस बाबत एलान कर चुके थे। हाल ही में बनाए गए 'हिंदू अस्मिता हितरक्षक समिति' नाम के संगठन ने १५०० वालंटियर की एक टीम बना दी है, जो मुस्लिम युवकों को 'गरबा फेस्टिवल' से दूर रखने की जिम्मेदारी संभालेगी। साथ ही प्राइवेट सुरक्षा गार्ड्स की भी तैनाती की जाएगी। 'हिंदू अस्मिता हितरक्षक समिति' अब तक खुद को रजिटर्ड भी नहीं करा पाया है, लेकिन वीएचपी के नेता आशीष भट्ट का कहना है कि इसे विश्व हिंदू परिषद का समर्थन हासिल है। २५ सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र फेस्टिवल के दौरान गुजरात और मध्य प्रदेश में मुख्य तौर पर 'गरबा' का आयोजन किया जाता है।
'वंदे मातरम न गाने वालों को क्यों करें गरबा में शामिल'
'हिंदू अस्मिता हितरक्षक समिति' का कहना है कि मु्स्लिम युवक हिंदू लड़कियों को लुभाने की कोशिश के तहत गरबा समारोह में प्रवेश करते हैं। इसे देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं। समिति के नेता जैमिन शाह का कहना है, "यदि मुस्लिमों को वंदे मातरम समेत कई चीजों से समस्या है, तो उन्हें गरबा में प्रवेश की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए?" हालांकि, कई गरबा आयोजक इस बात पर सहमत हैं कि मुस्लिम युवकों को केवल तब ही समारोह में शामिल होने की इजाजत दी जाएगी, यदि वो परिवार के साथ आते हैं।
लोगों के साथ हो रही बैठक
हमें गोधरा के कई गरबा आयोजकों ने आश्वासन दिया है कि मुस्लिम युवकों को उत्सव में प्रवेश नहीं करने देंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए एक टीम भी बनाई गई है। जैमिन शाह का कहना है, "करीब १५०० कार्यकर्ता सभी उत्सव स्थलों की जांच करेंगे कि कहीं कोई मुस्लिम युवक न हो। साथ ही, शहर में इसके लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बैठक भी आयोजित की जा रही हैं।"
आध्यशक्ति गरबा महोत्सव मंडल के पदाधिकारी पीबी बारिया का कहना है, "लव जिहाद से निपटने के लिए हम किसी भी मुस्लिम युवक को उत्सव स्थल में प्रवेश नहीं करने देंगे। हम समारोह स्थल की जांच के लिए करीब २५० वालंटियर और प्राइवेट सुरक्षा गार्ड्स को तैनात करेंगे, ताकि मुस्लिम युवकों को प्रवेश करने से रोका जा सके।" यह मंडल के गरबा उत्सव में हर साल करीब ३५ हजार दर्शक शामिल होते हैं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर