आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
देशभरमें लव जिहाद के इतने मामले सामने आने के बाद भी झूठ बोलनेवाली उत्तरप्रदेश सरकार !
लखनऊ – लव जिहाद जैसे शब्दों के प्रयोग पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सरकार को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
पिछले आदेश में ही पीठ ने सरकार के वकील से कहा था कि लव जिहाद क्या है, इसकी जानकारी प्राप्त कर पीठ को बताएं। सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब देते हुए अपर महाधिवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लव जिहाद जैसा मुद्दा या मामला नहीं है। इस पर कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल को इस मौखिक जवाब की जगह जवाबी हलफनामा देने को कहा।
सरकार की ओर से जवाब दे रहे अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि योगी आदित्यनाथ के बयानों की सीडी दिल्ली की फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दी गई है। शीघ्र ही रिपोर्ट आने पर रिपोर्ट अदालत को सौंप दी जाएगी।
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा व न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ला की पीठ ने आदेश दिया कि दो सप्ताह में सरकार प्रतिशपथ पत्र अदालत में पेश करे। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
पंकज तिवारी की ओर से याचिका प्रस्तुत कर अधिवक्ता सीवी पांडेय ने कहा है कि राजनीतिक दल लव जिहाद जैसे नए शब्दों से सांप्रदायिकता व अशांति फैला विघटन करने का प्रयास कर रहे हैं। देश में सभी धर्मों और संप्रदायों के लोग रहते हैं और संविधान सबको बराबर अधिकार देता है, कोई भेदभाव नहीं है।
उपचुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण से राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश में भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ और कलराज मिश्र ने मीडिया में जो गलत बयान देकर समाज में अशांति फैलाने का काम किया, उसकी जांच होनी चाहिए।
स्त्रोत : नई दुनिया