देवस्थान में स्थित ‘मलप्रभा’ का उगमस्रोत माने जानेवाला ऐतिहासिक छोटा तालाब भी ध्वस्त !
मंदिरोंका विध्वंस करनेवाला कर्नाटक का ‘हिन्दूद्रोही’ कांग्रेस शासन !
न्यायालयद्वारा स्थगिति होते हुए भी प्रकल्प को आगे बढानेवाले एवं मंदिर की हानि करनेवाले आततायी कर्नाटक शासन को भक्तोंद्वारा फटकारा जाना चाहिए !
कणकुंबी (कर्नाटक) : कर्नाटक शासनद्वारा नहर की खुदाई के कारण यहां के श्री माऊली देवस्थान की ‘मलप्रभा’ का उगमस्रोत माने जानेवाला ऐतिहासिक छोटा तालाब ३ अप्रैल को सायं समय में उद्ध्वस्त हो गए। दरार पडने से छत हटाया गया मंदिर का सभामंडप इससे पूर्व ही निष्क्रिय हो गया है। यहां का पुराना आम्रवृक्ष भी हटाया गया है।
पिछले डेढ-दो माह से कर्नाटक निरावरी निगमद्वारा कळसा नहर को मलप्रभा नहर से जोडने हेतु कणकुंबी में नहर का निर्माणकार्य करने हेतु युद्ध स्तर पर खुदाई का कार्य आरंभ किया गया है।
इस निर्माणकार्य के कारण श्री माऊली मंदिर एवं मंदिर के परिसर को संकट उत्पन्न हो गया था। इस विषय में कणकुंबी के ग्रामवासियोंने खानापुर के विधायक श्री. अरिंवद पाटिल की उपस्थिति में कर्नाटक निरावरी निगम के अधिकारियोंको परिवाद किया था; परंतु इस परिवाद को पूरी तरह से दुर्लक्षित कर कळसा नहर के लिए खुदाई एवं निर्माणकार्य चालू ही रखा गया।
इसके फलस्वरूप मंदिर का पवित्र छोटा तालाब एवं ‘मलप्रभा’ का उगमस्रोत नष्ट हो गया !
म्हादई बचाव अभियान के कार्यकर्ता श्री. राजेंद्र केरकर एवं विवेकानंद पर्यावरण जागृति फौज के अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत शिंदे ने कणकुंबी गांव को भेंट दे कर इस पूरी तोडफोड का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। पिछले सप्ताह में गोवा के एक गुट ने भी इस स्थान को भेंट दे कर कर्नाटक शासन के इन गैरकृत्योंकी जानकारी ली है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात