Menu Close

हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगलेद्वारा नेपालमें धर्मप्रसा

आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६

मनुष्य धर्मसे अलग हो गया, तो वह मनुष्य नहीं रहेगा – पू. डॉ. चारूदत्त पिंगले !

नेपाल : भारतके अनेक राज्योंके साथ अब नेपालमें भी हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यको भारी मात्रामें प्रतिसाद मिल रहा है । इस पार्श्वभूमिपर कुछ ही दिन पूर्व समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगलेने नेपालका भ्रमण किया । ५ से ८ सितंबर २०१४ की कालावधिमें पू. डॉ. पिंगलेने वहांके विविध हिन्दूनिष्ठोंसे भेंट की ।

इसका संक्षेपमें समचार यहां दे रहे हैं ।

डॉ. गोविंद उपाध्याय, पू. डॉ. चारुदत्त पिंगले, कु. सानु थापा एवं डॉ. निर्मल अधिकारी कार्यक्रमका प्रास्ताविक करते समय

डॉ. गोविंद उपाध्याय, पू. डॉ. चारुदत्त पिंगले, कु. सानु थापा एवं डॉ. निर्मल अधिकारी कार्यक्रमका प्रास्ताविक करते समय

 

पू. डॉ. पिंगलेको शालीग्राम पंचायतन भेंट देते समय बाइं ओरसे दूसरे श्री. प्रकाश ढकाल एवं श्री. ओम श्रेश्ता

पू. डॉ. पिंगलेको शालीग्राम पंचायतन भेंट देते समय बाइं ओरसे दूसरे श्री. प्रकाश ढकाल एवं श्री. ओम श्रेश्ता

 

५ सितंबर २०१४

काठमांडू विश्‍वविद्यालयमें विद्यार्थियोंको मार्गदर्शन

काठमांडू विश्‍वविद्यालयमें पू. डॉ. पिंगलेने मास कम्यूनिकेशनके विद्यार्थियोंके लिए ‘इटर्निटी ऑफ हिंदु फिलॉसॉफी’ विषयपर मार्गदर्शन किया । इस मार्गदर्शनका लाभ द्वितीय एवं तृतीय वर्षके कुल १८ विद्यार्थियोंने लिया । विद्यार्थियोंको मार्गदर्शन करते हुए पू. डॉ. पिंगलेने कहा….. 

१. जीवनमें स्थिरता आनेके लिए साधना करना ही आवश्यक है ।

२. जिस प्रकार अग्निसे दाहकताको निकाला गया; तो वह अग्नि नहीं रहेगा, उसी प्रकार मनुष्य धर्मसे अलग हो गया, तो वह मनुष्य नहीं रहेगा ।

३. पृथ्वीपर अंतमें मनुष्य रहनेतक धर्म रहेगा ।


६ सितंबर २०१४

१. कांतिपूर एफ.एम.पर वार्तालाप

काठमांडूके आकाशवाणीपर कांतिपूर एफ.एम.पर श्री. जनार्दन धीमिरने पू. डॉ. पिंगलेसे वार्तालाप किया, जिसमें मुख्य रूपसे ‘क्या ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना संभव है ? तथा इसे किस पद्धतिसे स्थापित किया जाएगा ?’ इस विषयपर चर्चा हुई ।

२. ‘स्टॉप एनिमल सैक्रिफाईज मूवमेंट’के श्री. नारायण शर्माके निवासस्थानपर मार्गदर्शन

‘स्टॉप एनिमल सैक्रिफाईज मूवमेंट’के श्री. नारायण शर्माके निवास स्थानमें भारतके गोवामें वर्ष २०१३ में संपन्न द्वितीय अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनकी (विडियो कैसेट) दृकश्राव्यचक्रिका दिखाई गई । इस अवसरपर वहां ब्राह्मण समाज नेपालके सदस्य प्रा. डॉ. मोहन खरेल, आर्ट ऑफ लिविंग नेपालके श्री. केदारनाथ पाठक, कबीर संप्रदायके श्री. कुनवंतदास एवं श्रीकृष्ण प्रणामी संप्रदायके कुछ सदस्य उपस्थित थे ।


७ सितंबर २०१४

ब्राह्मण समाज नेपालके सदस्योंके साथ चर्चा

ब्राह्मण समाज नेपालके कार्यालयमें हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकी (विडियो कैसेट) दृकश्राव्यचक्रिका दिखाई गई तथा पू. डॉ. पिंगलेद्वारा मार्गदर्शन किया गया । इस अवसरपर ब्राह्मण समाज नेपालके अध्यक्ष श्री. धर्मराज पौडेल, सहसचिव श्री. नारायण प्रसाद पौडेल तथा कुछ सदस्य ऐसे कुल मिलाकर १५ लोग उपस्थित थे । ब्राह्मण समाज नेपालके उपाध्यक्ष श्री. रभयनाथ कोईरको पू. डॉ. पिंगलेने कहा कि आप आनेपर ऐसा प्रतीत हुआ, मानो भगवानका प्रतिनिधि आया हो ।


८ सितंबर २०१४ 

१. अनाथाश्रममें बच्चोंको मार्गदर्शन

दलित महिला उत्थान केंद्रद्वारा चलाए जानेवाले अनाथाश्रममें जाकर पू. डॉ. पिंगलेने वहां मार्गदर्शन किया । इस मार्गदर्शनका लाभ आश्रमके ४५ बच्चोंने लिया । आश्रमके व्यवस्थापक श्री. भीम बहादुर कुमार एवं संचालिका श्रीमती राजन विश्‍वकर्मा भी इस कार्यक्रममें उपस्थित थीं ।

२. नारायणघाटके सत्संगमें मार्गदर्शन

सत्संग सेवा समितिद्वारा नारायणघाटमें आयोजित सत्संगमें पू. डॉ. पिंगलेद्वारा मार्गदर्शन किया गया । सत्संग सेवा समितिके सदस्य एवं राष्ट्रीय धर्मसभा नेपालके केंद्रीय समितिके सदस्य श्री. प्रकाश ढकालने इस सत्संगका सूत्रसंचालन किया ।

सत्संगके समय ‘धर्मरक्षाके लिए अवसर आनेपर सर्वस्वका त्याग करनेकी किसकी सिद्धता है ?’ पू. डॉ. पिंगलेद्वारा ऐसा पूछा जानेपर उपस्थित सभी लोगोंने हाथ उठाकर सिद्धता दर्शाई ।

इस सत्संगका लाभ ६० हिन्दुओंने लिया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *