आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
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सीजीएम कोर्ट में जाती हुई पीडि़त |
झांसी (उत्तर प्रदेश) : एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कराकर शादी करने के मामले में सीजीएम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सुबूतों के आधार पर लड़की को नाबालिग करार दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धर्म परिवर्तन कर सना से बनी प्रीति (परिवर्तित नाम) अभी छोटी है। उसे अपने पिता के पास ही रहना चाहिए। ऐसे में लड़की को उसके परिजनों के सुपुर्द करने के आदेश दिए गए। इसके अलावा धर्म परिवर्तन कराकर लड़की से शादी करने युवक समेत अन्य तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है।
कबरई क्षेत्र के सुरहा निवासी चांद बाबू उर्फ रज्जाक बीते २४ जून को गांव की रहने वाली प्रीति को भगा ले गया। उसने कुछ दिन बाद ही लड़की का धर्म परिवर्तन कराकर शादी कर ली। युवक के मुताबिक, उसने हाईकोर्ट में शादी की थी, लेकिन वह संबंधित कागजात नहीं दिखा सका। इसके बाद युवती के परिजनों ने युवक समेत अन्य तीन लोगों के खिलाफ धारा-३६३ और ३६६ के तहत मामला दर्ज कराया था।
जून से गायब चांद बाबू को प्रीति के साथ पुलिस ने दो दिन पहले ही महोबा में गिरफ्तार किया। इसके बाद बुधवार को जिले के सीजीएम कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्टेट महेंद्र प्रताप सिंह ने स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और परिवार रजिस्टर देखा। इसमें नीलम को नाबालिग पाया गया। सीजीएम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, 'लड़की अभी अवस्यक है। ऐसे में पिता अवस्यक का विधिक संरक्षक होता है। लड़की को अपने पिता के ही पास रहना चाहिए। उसे अभी कोई समझ नहीं है।' इस मामले में लड़की के चाचा ललित कुमार ने कहा कि, उसे वश में कर उसका धर्म पविर्तन कराया गया है।
बुर्का पहन कोर्ट पहुंची नीलम
कोर्ट में फैसला सुनाए जाने के दौरान प्रीति कोर्ट में बुर्का पहनकर पहुंची। इस दौरान उसने कुछ भी कहने से इनकार किया। उसने खुद को मुस्लिम बताया है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर