नई देहली : चीन की वायुसेना ने शनिवार को पाकिस्तान की वायुसेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया । चीन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि, यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच सैन्य गठबंधन को और मजबूती देने के उद्देश्य से किया गया । उल्लेखनीय है कि, दोनों देश एक-दूसरे को अपना ‘ऑल वेदर फ्रेंड्स’ (किसी भी हाल में साथ देने वाला मित्र) बताते हैं ।
चीन और पाकिस्तान की यह मित्रता कई बार भारत के लिए चिंता का सबब भी साबित हुई है । भारत में आतंकी हमले का आरोपी मौलाना मसूद अजहर के पक्ष में चीन द्वारा वीटो करने जैसे हालिया घटनाक्रमों को देखें तो यह तथ्य और भी पुख्ता हो जाता है ।
दोनों ही देश मिलकर भारत को साधने के अलावा एशिया में अमेरिकी प्रभाव को भी कम करने के लिए प्रयासरत हैं । शाहीन-५ नाम से किए गए इस युद्धाभ्यास की जानकारी देते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘चीन की वायु सेना सभी देशों के साथ सहयोग और बातचीत को विस्तार देने की आशा रखती है ।’ यह युद्धाभ्यास ३० अप्रैल तक चलेगा ।
पाकिस्तान के सीमांत क्षेत्र लंबे समय से आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह रहे हैं, जिनसे प्रभावित होने वाले देशों में चीन भी शामिल है । वह कई बार पाक से इन आतंकियों के विरुध्द कार्रवाई के लिए कह चुका है । चीन का झिनजियांग प्रांत पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के अशांत क्षेत्र में रहने वाले कुछ कट्टरपंथी समूहों से प्रभावित रहा है । इन क्षेत्राें को तालिबान और अल कायदा जैसे संगठनों के आतंकियों का सुरक्षित गढ माना जाता है ।
वहीं पाकिस्तान इन आतंकी समूहों से निपटने के नाम पर अपनी वायुसेना को अपग्रेड करने की मांग करता रहा है । उसका कहना है कि, उसके बेडे़ में शामिल विमान भारतीय लढाकू विमानों की तुलना में या फिर इन आतंकियों के विरुध्द ऑपरेशन के लिहाज से पुराने हो चुके हैं । उसे यह सहायता अमेरिका और चीन से मिली भी है । हाल ही में उसे एफ-१६ फाइटर जेट विमान देने के समझौते पर अमेरिका ने हामी भरी है ।
हालांकि पाकिस्तानी वायुसेना के अधिकारियों का मानना है कि, एफ-१६ विमान भी उनकी जरूरतों के अनुसार उतने कारगर नहीं हैं इसलिये अब पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर एक संयुक्त प्रयास के तहत इससे अगली पीढी का जेएफ-१७ फाइटर जेट बनाने पर विचार कर रहा है ।
संदर्भ : नवभारत टाइम्स