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‘आजाद मैदान हिंसा’ इस विषयमें दंगाईयोंद्वारा हानिपूर्ति प्राप्त करने हेतु प्रविष्ट की गई याचिका
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मुंबई – याचिकाकर्ताओंका कहना है कि यहांके आजाद मैदानमें ११ अगस्त २०१२ को तीव्र स्वरूपकी हिंसा हुई थी । पुलिस, महिलाओं तथा पत्रकारोंके साथ साधारण नागरिकोंकी भी पिटार्ई की गई थी । इस सन्दर्भमें देशभक्त पत्रकार संघकी ओरसे प्रविष्ट की गई याचिका १७ सितम्बरको मुंबई उच्च न्यायालयके सामने सुनवाई हेतु आई । इससे पूर्व २ करोड ७५ लक्ष रुपएकी हानि हुई थी, अतः मुंबई जनपदाधिकारी कार्यालयने उतनी ही राशि प्राप्त करनेकी प्रक्रिया आरंभ की थी; किंतु यह राशि अनुचित है तथा इस विषयका उचितरूपसे अभ्यास भी नहीं हुआ है, ऐसा कहकर मुंबई उच्च न्यायालयने याचिकाकर्ताओंके कथनानुसार इस वक्तव्यकी ओर ध्यान देकर जनपदाधिकारी कार्यालयको पुनः अभ्यास करनेके लिए बताया था; किंतु जनपदाधिकारियोंने यह राशि ३६ लक्ष ४४ सहस्र ६८० रुपए है, ऐसे बताया तथा उन्हें प्रतिज्ञापत्र भी देकर सभीको धक्का पहुंचाया है ।
१७ सितम्बरको की गई सुनवाईके समय शासनकी ओरसे मुंबई जनपदाधिकारी शैला ए. ने यह प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत किया, इस प्रतिज्ञापत्रमें यह बताया गया है कि विभागका नाम तथा राशि रुपएमें पुलिस २५,७८,३७९ बेस्ट ४,०५,९६४ बृहन्मुंबई महानगरपालिका ३,४५,३०० अग्निशमन दल ३,१५, ०३७ इस सन्दर्भमें हमने पूरी जांच की है तथा उसमें कुल मिलाकर हानिकी रकम ३६ लक्ष ४४ सहस्रत्र ६८० रुपए निश्चित की गई है । (आजतक क्या कभी ऐसा सुननेमें आया है कि इस प्रकारसे अधिक संख्यामें होनेवाली हानिपूर्तिकी राशि भी अल्प हुई है ? इस बातका सभीको पता है कि यह हिंसा करनेवाले कौन थे ? धर्मांधोंकी चापलूसी करने हेतु राज्यशासनने ही यह राशि अल्प मात्रामें प्रस्तुत की है; इससे यदि किसीको यह प्रतीत होता है, तो उसमें अनुचित बात क्या है ? अतएव हिन्दुओंको न्याय प्राप्त करने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना करना अनिवार्य है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) दंगाईयोंमेंसे ६० व्यक्तियोंद्वारा यह राशि प्रत्येकको ६० सहस्र ७४४ रुपए ६६ पैसा इतनी दी जाएगी ।
यह धक्कादायक सूचना प्राप्त हुई है कि पूरी राशिका विभाजन ४ हिस्सोंमें किया जाएगा । इसका दूसरा अर्थ यह है कि शासनको यह प्रतीत होता है कि साधारण जनताकी हुई हानि, पुलिसकर्मियोंकी पिटाई, महिला पुलिसकर्मियोंका विनयभंग, पी ७, न्यूज २४ तथा एबीपी न्यूज समाचारप्रणालोंके ओबी वैनकी हानि यह राष्ट्रीय संपत्ति नहीं है । आचारसंहिता लागू होनेसे पूर्व अनेक शासकीय निर्णय शीघ्रतासे पारित किए गए; इसलिए यह प्रश्न उत्पन्न हुआ है कि उस समय अनेक धारिकाओंका अभ्यास करते हुए क्या मुख्यमंत्री महाशयने अल्पसंख्यकोंकी चापलूसीके लिए ही यह धक्कादायक निर्णय अपनाया ?
विभागका नाम राशि रुपएमें
पुलिसकर्मी | २५,७८,३७९ |
बेस्ट | ४,०५,९६४ |
बृहन्मुंबई महानगरपालिका | ३,४५,३०० |
अग्निशमन दल | ३,१५, ०३७ |
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात