आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
कहां ‘लवजिहाद’के विषयमें जागृति करनेवाले हिन्दू संत, तो कहां ‘लवजिहाद’के अस्तित्वको भी अस्वीकार करनेवाले भाजपाके केंद्रीय गृहमंत्री ! इससे स्पष्ट होता है कि यह देश संतोंके हाथमें क्यों सौंपना चाहिए !
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बरेली (उत्तरप्रदेश) – १५ सितंबरको दैनिक ‘जागरण’से किए वार्तालापमें सुप्रसिद्ध संत पू. सुधांशुजी महाराजने ‘लवजिहाद’के विषयमें अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि ‘लवजिहाद’ राष्ट्रकी एकतापर आघात करनेवाला विषय है । यह विषय दबानेकी अपेक्षा इसपर चर्चा होना आवश्यक है । इस चर्चासे जनताके सामने सत्य आना चाहिए । पू. सुधांशुजी महाराजने कहा कि देश केवल तांत्रिक दृष्टिसे नहीं, अपितु प्रत्येक क्षेत्रमें शाqक्तशाली होना चाहिए । किसी भी धर्मांध शक्तिद्वारा राष्ट्रकी एकतापर आघात नहीं होना चाहिए । कोई भी समाज रोटी एवं बेटीपर होनेवाला आघात नहीं सहन कर सकता । देशके बाहरकी शाqक्तयां यहांके युवकोंको बहका रही है । उन्हें ‘लवजिहाद’के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं । इसलिए देशमें सांप्रदायिक तनाव बढ रहा है ।
इस अवसरपर पू. सुधांशुजी महाराजने जम्मू-कश्मीरमें सहायता कार्य करनेवाले जवानोंपर होनेवाले आक्रमणकी निंदा की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात