श्रीरामनवमी को रामजन्मभूमि पर श्रीरामजी की पूजा करने के लिए विशेष अनुमति देने की मांग
केवल मुंबई शहर में ५ दिनों में ५४ सहस्र १८६ नागरिकोंद्वारा ज्ञापन पर हस्ताक्षर !
मुंबई : श्रीरामजी करोडों हिन्दुओंकी आस्था के केंद्र हैं। उत्तर प्रदेश की अयोध्यानगरी में श्रीरामजी का जन्मस्थान है।
३० सितंबर २०१० को प्रयाग (इलाहाबाद) उच्च न्यायालय ने यह स्थान ‘श्रीराम जन्मभूमि है तथा यहां श्रीरामजी का मंदिर था, यह निर्णय कर श्रीराम जन्मभूमि पर अपनी मुहर लगा दी है !
जिस स्थान के लिए श्रीराम भक्त करसेवकोंने अपना रक्त बहाया, वह स्थान न्यायालयद्वारा श्रीराम जन्मभूमि होने का स्पष्ट करने के उपरांत भी वहां के मुख्य स्थान पर हिन्दुओंको पूजा करने के लिए कोई भी अनुमति नहीं है !
इसलिए श्रीरामनवमी को श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराम की पूजा करने के लिए हिन्दुओंको विशेष अनुमति दी जाए, इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से संपूर्ण भारत में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है तथा आनेवाले ८ दिनों में विविध स्थानोंपर ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ भी चलाया जानेवाला है !
इसके अंतर्गत मुंबई शहर में केवल ५ दिनों में ५४ सहस्र १८६ नागरिक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर इस अभियान में सम्मिलित हुए।
इस अभियान में हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, हिन्दू राष्ट्र जनजागरण समिति, विश्व हिन्दू परिषद, शंभुराजे प्रतिष्ठान भंडार्ली, श्री योग वेदांत सेवा समिति, शिवकार्य प्रतिष्ठान विक्रोळी, स्वराज्य हिन्दू सेना, हिन्दू राष्ट्र सेना, बजरंग दल, श्री शिवछत्रपति प्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, शिवसम्राट मित्रमंडल ठाणे, श्री बजरंग सेवा दल, बिलालपाडा-नालासोपारा, जीवदया संगठन, नालासोपारा, अय्यप्पा मंदिर समिति, नालासोपारा, नवतरुण मित्रमंडल, नालासोपारा, शिवसेना-नालासोपारा, युवा सेना नालासोपारा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, नालासोपारा, आम आदमी पार्टी, नालासोपारा, ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट, आजादगली, चूनाभट्टी, पंचशीलनगर, चूनाभट्टी आदि संगठनोंने, साथ ही भिवंडी के भादवड, सावंदे गांव के मुरबाड के धर्माभिमानी भी सम्मिलित हुए थे।
इस अभियान के अंतर्गत समिति की ओर से ऑनलाईन हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। इस अभियान को सामाजिक जालस्थलोंपर बहुत ही अच्छा प्रत्युत्तर मिल रहा है।
इस ज्ञापन के अंतर्गत की गई मांगें ….
१. भाजपा शासन विशेषाधिकार का उपयोग कर श्रीरामजी की विधिवत पूजा करने के लिए हिन्दुओंको अनुमति दें !
२. आज आए दिन मूर्ति के पास जाने के लिए अनेक धातुशोधक यंत्र (मेटल डिटेक्टर) हैं, साथ ही वहां अन्य वस्तुएं ले जाने पर भी प्रतिबंध है। श्रीरामनवमी के दिन पूजासामग्री एवं प्रसाद ले जाने के लिए भी अनुमति मिले !
३. श्रीरामजी की मूर्ति, एक कपडे के तंबू में रखकर एक प्रकार से उनका अनादर ही किया जा रहा है। वहां श्रद्धालुओंको पूजा-अर्चना नहीं करने दी जाती। यह टालने हेतु एक अस्थायी छोटा मंदिर बनवाकर उसमें मूर्ति की प्रतिष्ठापना की जाए तथा उस मंदिर में नियमितरूप से पूजा-अर्चना आरंभ कर हिन्दुओंके आस्था के केंद्र का सम्मान किया जाए !
क्षणचित्र
१. नालासोपारा में रेल स्थानक के बाहर मेगाफोनद्वारा घोषणा कर समाज में आवाहन किया जा रहा था। इस समय हिन्दी, मराठी एवं भोजपुरी भाषाओंमें घोषणाएं की गईं।
२. नालासोपारा का अभियान रात १२.३० बजे तक था। तो भी कार्यकर्ता उत्साह के साथ सेवा कर रहे थे।
३. अनेक शहरों में कार्यकर्ताओंने उनके संपर्क में रहनेवाले विविध आस्थापनों में कार्य करनेवाले कर्मचारी, दुकानदार, सौंदर्य-वर्धनालय केंद्रों में काम करनेवाली महिलाएं, कार्यकर्ताओंके परिजन, मित्रपरिवार से संपर्क किया। वे भी बडी संख्या में सम्मिलित हुए।
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आप इस ऑनलार्इन हस्ताक्षर अभियान में
यहां से सहभागी हो कर
श्रीराम जन्मभूमि के स्थान पर श्रीरामजी की पूजा करने की अनुमति की मांग, कर सकते हैं !
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात