धर्मपरंपराओंको संजोने हेतु प्रयास करनेवाले श्री शनिशिंगनापुर ग्रामवासियोंका अभिनंदन !
श्री क्षेत्र शनिशिंगनापुर (नगर) : ‘गुढीपाडवा’ के दिन किया जानेवाला गंगाजलाभिषेक श्री शनिदेव की वेदी के नीचे से करें श्री शनैश्वर देवस्थान के न्यासी मंडल का यह प्रस्ताव श्री शनिशिंगनापुर के ग्रामवासियोंद्वारा ७ अप्रैल को अस्वीकार किया गया था।
देवस्थान के न्यासियोंका विरोध अस्वीकार करते हुए गुढीपाडवा के दिन अर्थात ८ अप्रैल को तहसील के ३०० से अधिक युवकोंने परंपरा के अनुसार श्री शनिदेव को गंगाजलाभिषेक किया। स्थानीय युवकोंने कावड से गंगा एवं गोदावरी नदियोंका जल ला कर वेदी पर जा कर ही अभिषेक किया।
१. गुढीपाडवे के दिन श्री शनिदेव की वेदी पर जा कर श्री शनिदेव को गंगाजलाभिषेक करने की परंपरा पिछले ४०० वर्षोंसे चलती आ रही है।
२. ८ अप्रैल को तहसील के हर गांव से युवकोंने कावड की सहायता से गंगा एवं गोदावरी नदियोंका जल ला कर सवेरे ११ से १२ की अवधि में श्री शनिदेव का गंगाजलाभिषेक किया। तत्पश्चात श्री शनिदेव की प्रथा के अनुसार आरती संपन्न हुई।
३. श्री शनिशिंगनापुर के सरपंच श्री. बाळासाहेब बानकर ने कहा कि, गुढीपाडवा के दिन की यह परंपरा प्राचीन है। हमने इस परंपरा का पालन किया है एवं यहां कोई अनुचित कृत्य नहीं किया गया है। इसलिए किसी के विरोध करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात