आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
पुलिस थाने में महिला के 'शुद्धीकरण' पर तीन पुलिसवाले सस्पेंड
धर्म परिवर्तित हिन्दू महिलाके शुद्धीकरण पर पुलिसवालोंका निलंबन होने के लिए यह भारत है की पाक ?
देहरादून (उत्तराखंड) – यहा के थाने के अंदर एक महिला के 'शुद्धीकरण' का मामला सामने आने के बाद एक एसआई समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही महिला को भगा ले जाने और उसका धर्मांतरण कर शादी करने के मामले में पुलिस ने अपहरण और जबरन धर्मांतरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला उत्तरकाशी जिला के मनेरी थाने का है। आरोप है कि महिला को उसके कथित अपहरणकर्ता ने जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाकर शादी कर ली थी। सूत्रों ने बताया कि जब महिला को 'शुद्ध' करने के लिए मंगलवार को गंगजल लाया गया तो ये पुलिसकर्मी थाने में मौजूद थे। बाद में महिला के पति ने उसके माथे पर सिंदुर लगाया और उसे फिर से स्वीकार कर लिया।
२६ वर्षीय महिला की बिजनौर जिले के रहने वाले नजाकत अली से इस साल १३ जुलाई को मुलाकात हुई थी। उसके बाद वह महिला ३०,००० रुपये नगदी और कुछ आभूषण लेकर अपने घर से भाग गई थी। (हिंन्दु महिलाआें मे होनेवाले धर्मशिक्षा के अभाव के कारण वे धर्मांधोके चंगुल मे फंस जाती है ! – सम्पादक) इसी दौरान कथित रूप से नजाकत अली ने जबरन उसका धर्म परिवर्तन करवाया। महिला के पति ने पत्नी की गुमशुदगी की शिकायत मनेरी थाने में दर्ज कराई थी।
आरोप है कि अली ने कुछ दिनों पहले खुद से महिला के पहले वाले पति को फोन किया था। उसने पति से कहा था कि अगर अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए उसे ७०,००० रुपये देने होंगे। (धर्मांध की यह कृती मतलब लव जिहाद को प्रेम कहनेवाले तथा लव आैर जिहाद इनका क्या संबंध ? एेसा कहनेवालोंको करारा तमाचा – सम्पादक) पीड़ित पति ने फौरन मामले की सूचना मनेरी पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर अली के मोबाइल नंबर से लोकेशन का पता लगाया और उसे बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद मंगलवार को पुलिस महिला को थाने ले आई। महिला को वापस लाने की खबर मिलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विभिन्न हिंदू संगठनों के नेता मनेरी थाने में जमा हो गए। उन लोगों ने महिला के 'शुद्धीकरण' की प्रक्रिया आरंभ कर दी। उन लोगों ने मंत्र पढ़कर महिला पर गंगा जल का छिड़काव किया। महिला को पहनाने के लिए नई साड़ी और माथे पर लगाने के लिए सिंदूर का पैकेट लाया गया। पति ने पत्नी की मांग भरी और उसे स्वीकार कर लिया। यह सब कुछ थाने के अंदर पुलिस की उपस्थिती में हुआ।
मामले पर संज्ञान लेते हुए उत्तरकाशी जिला के एसपी ने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। एसपी जगत राम जोशी ने बताया, 'विभाग ने फौरन और सख्त कार्रवाई की है।' उन्होंने बताया, 'महिला ने अपने बयान में कहा कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया, शादी की गई और धर्म परिवर्तन करवाया गया।' उन्होंने बताया कि मनेरी थाना के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि वे हालात को काबू में करने में नाकाम रहे और अपने सीनियर अधिकारियों को इस बारे में सूचित नहीं किया। इस प्रकार की गतिविधियों को थाने में अंजाम नहीं दिया जा सकता है।' (उत्तराखण्ड सरकारका हिन्दुद्वेष ! – सम्पादक)
महिला की ओर से दी गई तहरीर और बयान के बाद पुलिस ने हिरासत में लिए गए युवक नजाकत के खिलाफ अपहरण और जबरन धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। बृहस्पतिवार को पीड़ित महिला जज के सामने बयान दर्ज कराएगी।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी के जिला प्रवक्ता लोकेंद्र सिहं बिष्ट ने कहा, 'एक महिला अपनी मर्जी के व्यक्ति से शादी करने के लिए आजाद है। लेकिन इस मामले में शादी करने वाले व्यक्ति का इरादा ठीक नहीं था। आरोपी ने न सिर्फ महिला का धर्म परिवर्तन करवाया बल्कि उसके पति से ७०,००० रुपये भी मांगे।' उन्होंने कहा कि थाने में जो शुद्धिकरण किया गया उसका मकसद महिला के पहले पति के साथ फिर से उसकी शादी करानी थी। बीजेपी नेता ने तर्क दिया, 'महिला का पति ऐसे उसे नहीं स्वीकार करता। हमने कर्मकांड अंजाम दिया फिर उसने महिला को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।'
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स