‘जय हिंद’ को लेकर सेना ने लगाई मौलवी पर बंदिश

आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६

बीकानेर / नई दिल्ली – सेना ने "जय हिंद" कहने पर मौलवी को नोटिस थमाया है। नोटिस मे कहा गया है कि वह जय हिंद की बजाए सेना मे आधिकारिक तौर पर कहे जाने वाले "राम राम" और "जय माता दी" का इस्तेमाल करे।

इसपर सूबेदार इश्रत अली ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उसे कमान अधिकारी ने नोटिस जारी कर चेतावनी दी है की वह "संकीरण मानसिकता" से ऊपर उठकर ‘राम राम’ या ‘जय माता’ दी बोलकर सलूट करे। ऎसा नहीं करने पर उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, अली ने इसके विरोध में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखा है।

अली ने बताया कि मैंने उन्हें सूचित कर दिया है कि वह उक्त सलूट का इस्तेमाल नहीं कर सकता है क्योंकि हिंदू धार्मिक बोल हैं और वह मुस्लिम धार्मिक गुरू है।

अली की तरफ से उसकी पत्नी शहनाज बानो ने राष्ट्रपति और दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को शिकायत की है। पत्र की एक कॉपी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी भेजी गई है। पत्र में कहा गया है कि अली को उक्त सलूट का इस्तेमाल कहने के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। इसलिए, उन्हें इस मामले में न्याय दिलवाया जाए।

हालांकि, अली के कमान अधिकारी चित्रा सेन ने इस मामले में यह कहते हुए कुछ भी बोलने से मना कर दिया की मामले की सारी जानकारी सेना मुख्यालय के पास है। सेना पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष है। वहीं जनसंपर्क के अतिरिक्त महानिदेश मेजर जनरल शौकीन चौहान ने कहा कि हम जय हिंद और सभी तरह के सलूटों का सम्मान करते हैं। उन्होंने भी अली की शिकायत पर ज्यादा कुछ बोलने से मना कर दिया।

सीमा सुरक्षा बल से सहायक कमांडेट के पद से समय से पूर्व रिटायरमेंट लेने वाले जाने माने वकील राजीव आनंद ने सुबेदार अली को दिए नोटिस पर नाराजगी जाहिर की है। ऎसा नोटिस देना गलत है। सलूट देश के लिए दिए जाते हैं, न की धर्म के नाम पर। सैनिक, सैनिक होता है। वे किसी धर्म से नहीं जुड़े होते हैं। इस तरह के नोटिस देना सही नहीं है।

नोटिस में सुबेदार अली से कहा गया है कि वह अपने सलूट करने के तरीके को बदले। सेना में धार्मिक गुरू का काम जवानों में एकता, उत्साह और देशभक्ति जगाना होता है, जबकि जय हिंद (लोंग लिव इंडिया) धार्मिक दुर्वभावना और कट्टरवाद का संदेश देता है। अगर आप संर्कीण मानसिकता से ऊपर नहीं उठे और राम राम व जय माता दी जैसे सलूटों का इस्तेमाल बटालियन के नियमों के तहत नहीं किया गया तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस में आगे कहा गया है कि आप एक धार्मिक शिक्षक हैं और आपका काम जवानों में देश भक्ति, उत्साह और एकता जगाना होता है। आपका कार्य (जय हिंद) सिर्फ धार्मिक दुर्वभावना और कट्टरवाद का संदेश ही नहीं भेजता, बल्कि इससे पता चलता है कि आपकी जानकारी कम है। इसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा।

वहीं, सुबेदार अली ने कहा कि अपनी २२ साल की नौकरी उसे कभी भी ‘जय हिंद’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कभी भी मना नहीं किया गया। मुझे जुलाई में मौखिक रूप से कहा गया था कि अगर मैंने ‘राम राम’ या ‘जय माता’ दी इस्तेमाल करना शुरू नहीं किया गया तो मेरा कोर्ट मार्शल कर दिया जाएगा।

अली ने कहा कि मैं पिछले २२ साल से सेना में नौकरी कर रहा हूं और मैंने जनरल वी के सिंह सहित कई सेना प्रमुखों को जय हिंद कहते हुए सलूट किया है, लेकिन किसी ने इसपर आपत्ति नहीं जताई। ‘जय हिंद’ देशभक्ति का सूचक है। देशभक्त होने पर मैं गलत कैसे हो सकता हूं।

अली ने दावा किया की सात महीने सुडान में विशेष ड्यूटी करके मैं जब मई में देश वापस लौटा तो मुझे इस बात को लेकर परेशान किया जाने लगा।

अली के मुताबिक, मुझे इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मुझसे कनिष्ठ मौलवी को सुडान भेज दिया गया था, जिसे लेकर मैंने शिकायत की थी। मैं दस साल से राजपूताना राइफल्स के सेंटर में नौकरी कर रहा था। "मेरी शिकायत के बाद मुझे तुरंत सूडान भेज दिया गया था। हालांकि, मेरे वापस देश लौटने पर मेरा तत्काल बीकानेर तबादला कर दिया गया।"

स्त्रोत : पत्रिका

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