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सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा उज्जैन सिंहस्थपर्व में अध्यात्मप्रसार कार्य को, सकारात्मक प्रतिसाद !

उज्जैन : सिंहस्थ पर्व !

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा उज्जैन सिंहस्थपर्व में अध्यात्मप्रसार कार्य को स्थानीय नागरिक, हिन्दुत्वनिष्ठ एवं प्रशासनिक अधिकारियोंद्वारा सकारात्मक प्रतिसाद !

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उज्जैन के सिंहस्थपर्व की पूर्वसिद्धता हेतु ५-६ साधक गत २ माह से निरंतर सेवारत हैं। फ्लेक्स प्रदर्शनी लगाना, सात्त्विक वस्तुओंका वितरण, मेले के क्षेत्र में भूमि उपलब्ध कराना, उसपर तंबू खडे करने का नियोजन तथा उसके लिए सामग्री का प्रबंध, सिंहस्थ प्रशासन कार्यालय की विविध अनुमतियां, उदा. दीवार रंगने एवं फ्लेक्स लगाने की अनुमति प्राप्त करना; जिज्ञासु, हिन्दुत्वनिष्ठ अथवा धर्माभिमानियोंसे संपर्क करना आदि सेवाएं चल रही हैं। ये सेवाएं करते समय, ईश्‍वर ही यह कार्य कर रहे हैं, इसकी अनुभूति साधकोंको मिल रही है ! श्री गुरुकृपा से, प्रशासनिक अधिकारी, राज्यकर्ता, स्थानीय व्यापारी एवं नागरिकोंसे प्राप्त सकारात्मक प्रतिसाद एवं प्रसारकार्य के लिए होनेवाली सहायता की जानकरी यहां प्रस्तुत कर रहें हैं . . .

(पू.) डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
(पू.) डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

१. सिंहस्थ प्रशासन कार्यालय एवं उज्जैन नगरपरिषद की ओर से प्राप्त हो रहा सहयोग

१ अ. उज्जैन नगरपरिषद के प्रशासनिक अधिकारियोंद्वारा कर्तिक मेले में प्रदर्शनी लगाने हेतु अनुमति एवं अन्य सुविधाओंका प्रबंध करवा देना : उज्जैन में शासन की ओर से प्रतिवर्ष के अनुसार कार्तिक माह में (दिसंबर २०१५) में क्षिप्रा नदी के तट पर कार्तिक मेले का आयोजन किया गया था। इस मेले हेतु भूमि उपलब्ध करा देने से लेकर अनेक बातों के लिए शासन से अनुमति लेनी पडती है। अनेक बडे बेपारी एक-डेढ माह पूर्व ही पैसे दे कर भूमि आरक्षित करते हैं। जब हमें मेले के विषय में जानकारी मिली, तब उसे आरंभ होने में बहुत थोडे दिन शेष थे। हमने प्रशासनिक अधिकारियोंसे मिलकर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के संबंध में बताने पर उन्होंने तुरंत अपने वरिष्ठोंसे बात कर हमें अनुमति प्रदान की। नगरपरिषदद्वारा स्वयं ही लगाई जानेवाली प्रदर्शनी के निकट ही उन्होंने हमें यह भूमि उपलब्ध कराई। उसके साथ आसंदी-पटल, बिजली आदि सुविधाएं भी निःशुल्क में उपलब्ध करवा कर दीं।

अंतिम दिन आयोजित विशेष कार्यक्रम में सनातन संस्था ने अध्यात्म का ज्ञान देनेवाली अत्यंत सुंदर प्रदर्शनी लगाकर प्रशासन को सहयोग दिया। उन्होंने इसके लिए संस्था का आभार व्यक्त किया। उन्होंने संस्था को स्मृतिचिह्न एवं अभिनंदनपत्र भी दिया है। (कार्तिक मेले में धर्म एवं अध्यात्म के विषय में प्रदर्शनी लगाने के लिए अनुमति एवं सभी सुविधाएं उपलब्ध करा देनेवाली उज्जैन नगरपरिषद के सभी पार्षद एवं प्रशासनिक अधिकारियोंका आदर्श सभी को लेने योग्य है। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१ आ. सिंहस्थपर्व में प्रदर्शनी के लिए भूमि उपलब्ध करवा देने में सर्वाधिक सहायता करनेवाले श्री. दिवाकर नातू एवं सिंहस्थ प्राधिकरण के अधिकारी ! : सिंहस्थपर्व में सनातन संस्था की प्रदर्शनी लगे, इसलिए सिंहस्थ मेला प्राधिकरण कार्यालय के अधिकारी एवं उनके सहायकोंसे निरंतर सहयोग एवं अनुकूलता प्राप्त हो रही है। उज्जैन सिंहस्थ प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री. दिवाकर नातू एवं उनके अन्य सहयोगी सनातन के नासिक सिंहस्थपर्व में लगाई गई प्रदर्शनी देखने आए थे। सनातन का कार्य, फ्लेक्स प्रदर्शनी एवं ग्रंथसंपदा देख कर उन्हें यह कार्य बहुत ही अच्छा लगा था।

इन सभी ने उज्जैन सिंहस्थपर्व में सर्वाधिक सहायता की। कभी भी कार्यालय में जाने पर वे आत्मीयता से बिठा कर सहायता करते हैं !

१ इ. सिंहस्थपर्व में अध्यात्मप्रसार की प्रदर्शनी लगाने के लिए साधकोंको स्वयं ही कार्यालय में बुलाकर भूमि वितरण के कागद उनके हाथ में सौंपनेवाले श्री. कोमल भुतडा ! : कार्तिक मेले में सनातन की प्रदर्शनी देख कर भूमि वितरण करनेवाले अधिकारी श्री. कोमल भुतडा अत्यंत प्रभावित हुए थे। उन्होंने, प्रस्तुत प्रदर्शनी सिंहस्थपर्व में भी लगाई जाए, ऐसे बताया। इस विषय में प्रक्रिया चालू है, उनको ऐसा कहने पर उन्होंने दूसरे दिन भ्रमणभाष करने के लिए कहा। वैसा करने पर वे प्रदर्शनी स्थल पर अपनी गाडी ले कर आए एवं साधकोंको मेला कार्यालय लेकर गए। वहां उन्होंने आवेदनोंपर हस्ताक्षर एवं अन्य प्रक्रिया पूरी कर भूमि वितरण के आदेश साधकोंके हाथ में दिए !

सिंहस्थपर्व मेला केवल मनोरंजनात्मक ना हो कर आनेवाले श्रद्धालुओंको उसका आध्यात्मिक स्तर पर भी लाभ हो, इसके लिए उनके सभी प्रयास थे ! वास्तव में, ईश्वर ही उनके रूप में साधकोंकी सहायता के लिए आ गए, यह अनुभूति आई। यह सनातन के पवित्र कार्य की फलनिष्पत्ति एवं ईश्वरीय कार्य की प्रचिती ही है, ऐसा लगा !

१. ई. उज्जैन नगरपरिषदद्वारा की गई सहायता : उज्जैन नगरपरिषद के अनेक पदाधिकारी, महापौर एवं सभापति श्री. सोनू गेहलोत ने सनातन के ग्रंथ एवं फ्लेक्स प्रदर्शनी कार्तिक मेले में देखी थी। सिंहस्थपर्व आध्यात्मिक पर्व होने के कारण इस पर्व में इसी प्रदर्शनीद्वारा अध्यात्मप्रसार हो, ऐसा सभी को लग रहा था। श्री. सोनू गेहलोत ने उज्जैन कुंभक्षेत्र बहुत बडा होने से अलग-अलग भागों में १० से १२ स्थानोंपर सनातन की प्रदर्शनियां लगें, ऐसी अपेक्षा व्यक्त कर सहायता करना आरंभ भी किया। दीवारें रंगाने के संदर्भ में श्री. सोनू गेहलोत से संपर्क करने पर उन्होंने तुरंत दीवारें रंगाना आरंभ करने को कहा। अनुमति प्राप्त करने की शासकीय प्रक्रिया में भी उन्होंने समय-समय पर अधिकारियोंको बता कर पूरा सहयोग दिया।

नगरपालिका के अधिकारियोंसे भी सकारात्मक प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ। शहर परिसर में निजी अनुमति प्राप्त कर धर्मशिक्षा से संबंधित लेखन के लिए अनुमति मांगने पर संस्था के व्यापक धर्मकार्य को ध्यान में ले कर कानून की सीमा में अत्यल्प भाव में कर लगाकर धर्मप्रसार के कार्य में उन्होंने सहायता की। प्रशासकीय भूमि पर कुंभक्षेत्र एवं स्नानोंके घाट परिसर में धर्मप्रसारार्थ लेखन करने की अनुमति मिलने के लिए उनको आवेदन देने पर उन्होंने किस प्रकार का लेखन करनेवाले हैं, यह दिखाएं, ऐसा बताया।

सनातन संस्था का अध्यात्म तथा सिंहस्थपर्व के विषय में प्रबोधनात्मक लेखन, प्रशासन एवं पुलिस से सहयोग करने के संदर्भ में लेखन दिखाने पर प्रभावित हो कर उन्होंने संस्था से द्विपक्षीय अनुबंध किया। उसके अंतर्गत उन्होंने संस्था को प्रमुख स्थानोंपर आध्यात्मिक जानकारी लिखने की निःशुल्क अनुमति दी। विविध स्थानोंपर फ्लेक्स, होर्डिंग आदि माध्यम से अध्यात्मप्रसार करने का संस्था का मानस उनके समक्ष प्रस्तुत करने पर उन्होंने उसके लिए भी अनुमति दे दी !

कुल मिलाकर, इस सिंहस्थपर्व में आनेवाले श्रद्धालु अध्यात्म की दृष्टि से कुछ न कुछ ले कर जाएं, यही उनकी आतंरिक ईच्छा थी ! सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा यह साध्य हो सकता है, यह विश्वास उनमें उत्पन्न होना, प.पू. डॉक्टरजी की हम साधकोंपर होनेवाली यही कृपा है, इसका भान हम सभी को हुआ !

२.उज्जैन के बिक्रेताओंसे मिल रहा प्रतिसाद

२ अ. सब्जी मंडी के बिक्रेताओंने दिया सहयोग : प्रमुख सब्जी मंडी एवं मक्सी मार्ग पर स्थित मंडी के सब्जी बिक्रेताओंने कार्य की जानकारी ले कर अभी से ही सिंहस्थपर्व की पूर्वसिद्धता एवं सेवा के लिए आए हुए साधकोंके भोजन के लिए सब्जी अर्पण करना आरंभ कर दिया है। सब्जी मंडी के अनेक बिक्रेताओंने सामूहिक निर्णय लेकर सप्ताह में दो बार साधकोंको सप्ताहभर के लिए आवश्यक सब्जियां देने का निर्णय लिया है !

२ आ. दीवारोंपर आध्यात्मिक जानकारी लिखने के लिए सामग्री अर्पण करनेवाले रंगसामग्री की बिक्री करनेवाले बिक्रेता :

१. व्यवसायी श्री. हेमचंद्र जैन ने रंगकाम हेतु तार के एवं अन्य ब्रश, पत्रें तथा दीवार रंगाने में उपयोग में आनेवाली अन्य सामग्री अर्पण के रूप में दी।

२. श्री. सुनील ठामरिया ने रंगकाम के लिए पेंटिंग ब्रश एवं अन्य सामग्री अर्पण कर सहयोग किया।

३. श्री. मनीष बन्सल ने रंगकाम के लिए २० लिटर श्‍वेत रंग, ब्रश एवं अन्य सामग्री अर्पण की।

४. रंगकाम व्यवसायी श्री. खेमजी ने ५६ लिटर, तो रंगोंके वितरक श्री. आशीष पुजारा ने ६० लिटर श्‍वेत रंग निःशुल्क उपलब्ध करा दिया।

२ इ. स्वतंत्र पत्रकार तथा झेरॉक्स दुकान मालिक श्री. सुरेश चिपळूणकर ने संगणकीय प्रतियां निकालने के लिए आवश्यक कागद अर्पण किया तथा इसके आगे भी कागद अर्पण करेंगे, ऐसा बताया।

३. समाज से मिल रहा प्रतिसाद

३ अ. दीवारोंपर रंगोंसे आध्यात्मिक जानकारी लिखना एवं फ्लेक्स लगाने के लिए अधिकांश लोगोंद्वारा अनुमति मिलना : दीवारोंपर रंगोंसे आध्यात्मिक जानकारी लिखना अथवा धर्मशिक्षा के फ्लेक्स लगाना, इसके लिए अनुमति मांगने के लिए १०० लोगोंके पास जाने पर कुछ लोगोंको छोडकर अन्य सभी ने दीवारोंपर लेखन करने अथवा फ्लेक्स लगाने हेतु अपनी भूमि आनंदपूर्वक दी !

३. आ. रंगकाम के लिए बडा मचान उपलब्ध करवा कर देनेवाले श्री. वासुदेव सोनी ! : उज्जैन के प्रशासन ने रामघाट पर जानेवाले पूल की दीवार आध्यात्मिक जानकारी लिखने के लिए उपलब्ध करवाई है। यह दीवार २५० फीट चौडी एवं २० फीट ऊंची होने से उस पर रंगोंसे लेखन करने के लिए मचान आवश्यक होता है। अनेक स्थानोंपर प्रयास कर भी वह उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। कार्तिक मेले की प्रदर्शनी में आए हुए जिज्ञासु श्री. वासुदेव सोनी को इस विषय में बताने पर वे स्वयं साधकोंके साथ घूमे तथा उन्होंने उज्जैन के एक ठेकेदार को मचान उपलब्ध करा देने के लिए कहा। उनकेद्वारा अत्यल्प भाव में मचान उपलब्ध करा देने की सिद्धता दर्शाने पर श्री. सोनी ने यह राशि स्वयं ही अर्पण करने की सिद्धता दर्शाई !

३ इ. साधकोंके निवास के लिए स्थान उपलब्ध करवा कर देनेवाले विख्यात लेखा परीक्षक श्री. नितिन गरुड ! : उज्जैन शहर छोटा होने के कारण प्रसार के लिए आनेवाले साधकोंके निवास की व्यवस्था करने में समस्या आ रही थी। यह देखकर सनातन के हितचिंतक एवं उज्जैन के विख्यात लेखा परीक्षक श्री. नितीन गरुड ने उनके एक परिचित की सदनिका निवास के लिए उपलब्ध कराई। साधक संख्या बढने से उन्होंने और एक छोटी सदनिका उपलब्ध करा दी।

३ ई. साधकोंके निवास का प्रबंध करनेवाले धर्माभिमानी श्री. नीलू उस्ताद एवं पाठक (वाचक) श्री. रवींद्र महाकाळ ! : प्रसार हेतु लिए रंगाने के लिए दीवारें ढूंढते समय मिले दोपहिया वाहन रिपेयर करनेवाले धर्माभिमानी श्री. नीलू उस्ताद ने साधकोंके उपयोग के लिए अपना सभागृह निःशुल्क उपलब्ध करा दिया। सनातन प्रभात के पाठक श्री. रवींद्र महाकाळ ने भी अपना आवास साधकोंको सामग्री रखने तथा निवास करने के लिए उपलब्ध करा दिया है।

३ उ. बरतन एवं सामग्री के लिए धन के रूप में अर्पण देना : सनातन का कार्य देख कर स्थानीय लोग भी बरतन अथवा अन्य सामग्री धन के रूप में अर्पण कर सहायता कर रहे हैं।

संक्षेप में, सभी स्थानोंसे ईश्वर की कृपा से सकारात्मक प्रतिसाद मिल रहा है !

४. देवालय के प्रबंधक एवं पुजारी इन्होंने दिया हुआ सहयोग

४ अ. हरसिद्धि मंदिर के प्रबंधकद्वारा फ्लेक्स प्रायोजित कर उनको मंदिर में लगाया जाना : हरसिद्धि मंदिर के प्रबंधक श्री. अवधेश जोशी कार्तिक मेले में आए थे। सनातन के फ्लेक्स देखकर वे बहुत प्रभावित हुए। ऐसे फ्लेक्स प्रत्येक मंदिर में हों, इसलिए उन्होंने १० फ्लेक्स प्रायोजित कर हरसिद्धि मंदिर में लगाए।

४ आ. मंदिर की दीवार पर आध्यात्मिक जानकारी लिखने की अनुमति देना : श्री मनकामनेश्वर मंदिर के पं. सुखदेव प्रसाद शुक्ला एवं श्री. नीलू उस्ताद, चामुंडामाता मंदिर के श्री. सुनील चौबे, पशुपतिनाथ मंदिर के श्री. पुरुषोत्तम चौबे, हनुमान मंदिर के श्री. शुभम शर्मा एवं गुमानदेव हनुमान मंदिर के पं. श्यामनारायण व्यास ने अपने मंदिर की दीवारें आध्यात्मिक जानकारी लिखने के लिए उपलब्ध करवा कर दीं।

५. रामघाट पर प्रदर्शनी लगाने के लिए सहायता करनेवाली श्री क्षेत्र पंडा समिति !

मकरसंक्रांति को सोमवती अमावस्या थी। उस दिन क्षिप्रा के रामघाट पर पर्वस्नान के लिए आनेवाले श्रद्धालुओंको धर्मशिक्षा का लाभ मिले, इसलिए रामघाट पर प्रदर्शनी लगाने का नियोजन किया गया था। मकरसंक्रांति की प्रदर्शनी के लिए घाट पर जा कर संपर्क करने से श्री क्षेत्र पंडा समिति के उपाध्यक्ष श्री. संजय गुरु ने घाट पर प्रदर्शनी लगाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई। समिति के अन्य पुजारियोंने पटल तथा उसपर बिछाने के लिए कपडा उपलब्ध करा कर प्रदर्शनी लगाने में सहायता की।

६. शासकीय विद्यालय की प्राध्यापिका श्रीमती अल्पना उपाध्याय ने दिया सहयोग

उज्जैन के माधव शासकीय महाविद्यालय के कला विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती अल्पना उपाध्याय के पास साधक दीवारोंपर आध्यात्मिक जानकारी लिखने की अनुमति मांगने हेतू गए थे। उनको धर्मशिक्षा फलक ग्रंथ दिखाने पर वह उनको बहुत अच्छा लगा। उन्होंने तुरंत ही प्राचार्यजी से साधकोंकी भेंट करवाई। उन्होंने किस क्षेत्र में लेखन करना है, वह भी दिखाया। उन्होंने अनुमति दे कर सहयोग किया।

आगे उन्होंने कहा कि, कला विभाग में सिखाते समय ‘कला’ मेरी साधना ही है, यही भाव मैं रखती हूं। साधकोंने उनसे कहा कि; सनातन संस्था, कला के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति कैसे की जाती है, इसका भी मार्गदर्शन करती है।

यह सुनकर उनको बहुत आनंद हुआ तथा उन्होंने साधना के विषय में अधिक जानने की जिज्ञासा दिखाई।

सभी क्षेत्रों में कार्यरत लोग सकारात्मक हो कर सिंहस्थपर्व के पूर्व सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के लिए उनका सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त होना, यह ईश्वर एवं प.पू. डॉक्टरजी की हम साधकोंपर कृपा ही है !

संस्था के विषय में विशेष जानकारी न होते हुए भी लोग उज्जैन सिंहस्थपर्व के पूर्व, ‘धर्म’ के लिए कार्यरत हो कर सहयोग दे रहे हैं। इसी प्रकार से वे आगे जा कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए स्वयं संगठित हो कर एक ही ‘धर्मध्वज’ के तले संघटित होंगे तथा ‘ईश्वर धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना करेंगे, इस विषय में साधकोंके मन में श्रद्धा उत्पन्न होना, यह प.पू. डॉक्टरजी की साधकोंपर की हुई कृपा ही है, ऐसा लगा !
– (पू.) डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति (२८.२.२०१६)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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