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पुणे में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन

श्रीरामनवमी को रामभक्तोंद्वारा रामजन्मभूमि पर पूजा करने हेतु हिन्दुओंको विशेष अनुमति देने की मांग

अफजलखान की ‘कब्र’ प्रशस्त; परंतु जन्मभूमि पर ही प्रभु श्रीराम ‘तंबू’ में बंद – श्री. मिलिंद धर्माधिकारी

कोथरुड-पुणे के 'राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन' में सम्मिलित धर्माभिमानी हिन्दू
कोथरुड-पुणे के ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में सम्मिलित धर्माभिमानी हिन्दू

पुणे : विदेशी आक्रामकोंद्वारा जानबूझ कर भारत के हिन्दुओंके आस्थास्रोतोंको उद्धवस्त किया गया। अनेक स्थानोंपर मंदिरोंको नष्ट कर वहां मस्जिदोंको खडा किया गया।

अयोध्या में भी श्रीराम मंदिर के स्थान पर बाबरी ढांचे का निर्माणकार्य किया गया। पश्चात सैकडों करसेवकोंने अपना रक्त बहा कर उस ढांचे को तोडा !

इस संदर्भ में परिणाम घोषित करते समय उच्च न्यायालयद्वारा भी स्पष्ट किया गया कि, यह भूमि रामलला की है। ऐसा होते हुए भी अब तक वहां के मुख्य स्थान पर श्रीरामनवमी को हिन्दुओंको पूजा तथा उत्सव मनाने की कोई अनुमति नहीं है !

जन्मभूमि पर ही प्रभु श्रीराम 'तंबू' में बंद !
जन्मभूमि पर ही प्रभु श्रीराम ‘तंबू’ में बंद !
अफजलखान की प्रशस्त, कब्र !
अफजलखान की प्रशस्त, कब्र !

एक ओर प्रतापगढ के निचे रहनेवाली अफजलखान की कब्र का उदात्तीकरण किया जाता है, जब कि दूसरी ओर करोडों हिन्दुओंके आराध्यदेवता प्रभु श्रीराम अपनी ही जन्मभूमि में तंबू में बंद हैं !

इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मिलिंद धर्माधिकारी ने ऐसी चेतावनी दी है कि, आगामी १५ अप्रैल श्रीराम नवमी को अयोध्या में समस्त हिन्दू बंधुओंको श्रीराम का पूजन करने की विशेष अनुमति दी जाए। हिन्दू आक्रामकोंका उदात्तीकरण एवं देवी-देवताओंकी अवहेलना सहन नहीं करेंगे।

हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंने १० अप्रैल को कोथरूड के छत्रपति शिवाजी प्रतिमा चौक पर आंदोलन किया। इस अवसर पर वे बोल रहे थे।

इस समय सनातन संस्था के श्री. चंद्रशेखर तांदळे ने भी उपस्थित धर्माभिमानियोंको संबोधित किया।

इस आंदोलन में येवलेवाडी के ‘हां, हिन्दू ही’ (‘होय, हिन्दूच’) संगठन के श्री. स्वप्निल धांडेकर, सुतारवाडी के शिवसेना के प्रभाग प्रमुख श्री. अक्षय भेगडे, शाखा प्रमुख श्री. ऋषिकेश कुलकर्णी, बावधन प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री. निखिल (दादा) वेडे पाटिल तथा धर्मरक्षा संगठन के अध्यक्ष श्री. ऋषिकेश पवार के साथ १४० से अधिक धर्माभिमानी सम्मिलित हुए थे।

कार्यकर्ताओंने अपने हाथों में ‘विशाल श्रीराममंदिर बनने तक रामजन्मभूमि पर नित्य पूजा हेतु छोटे राममंदिर का निर्माण कार्य करें, वहां प्रसाद तथा पूजासामग्री लेकर जाने हेतु लगाए गए प्रतिबंध को हटाएं, रामसेवकोंके अमूल्य बलिदान व्यर्थ न हों’, इस प्रकार की प्रबोधनात्मक जानकारी देनेवाले फलक धारण किए हुए थे।

महाराष्ट्र में गोवंश हत्याबंदी कानून लागू होते हुए भी उसका प्रभावी कार्यान्वयन न होने के कारण आज भी भारी संख्या में हत्या हेतु गोवंश ले जा रहे हैं एवं गोमांस की तस्करी हो रही है। विद्यमान कानून में शिक्षा हेतु कठोर अनुबंध न होने से अधिकांश स्थानोंपर बंदी बनाए गए अपराधियोंको एक दिन में ही प्रतिभूति पर मुक्त किया जा रहा है एवं गोरक्षकोंपर विनाशक आक्रमण होने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इसलिए श्री. चंद्रशेखर तांदळे ने कहा कि, गोवंश हत्याबंदी कानून का कठोर रूप से कार्यान्वयन हो तथा कानून के सहायक के रूप में गोरक्षकोंको कुछ अधिकार एवं सुरक्षा दी जाए।

कर्नाटक राज्य शासन के वर्ष २०१६ के अर्थसंकल्प में अन्य धर्मियोंके कल्याण हेतु निधि की व्यवस्था ऐसी की गई है मानो प्रसाद बंट रहा हो जब कि हिन्दुओंके देवस्थानोंके लिए एक पैसे की भी व्यवस्था नहीं की गई है ! इसलिए इस अवसर पर ऐसी मांग की गई है कि, कर्नाटक शासनद्वारा अल्पसंख्य समुदाय के लिए अर्थसंकल्प में दी गयी पूरी निधि रद्द करें !

नगरसेवक श्री. योगेश मोकाटे एवं धर्माभिमानी श्री. उमेश भेलके ने आंदोलन को सहयोग किया।

क्षणिकाएं

१. अयोध्या में रामजन्मभूमि पर श्रीरामनवमी को प्रभु श्रीराम की पूजा करने हेतु विशेष अनुमति देने हेतु प्रभु श्रीराम के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान को समाज से उत्स्फूर्त एवं विपुल प्रतिसाद मिला।

२. ‘घर घर भगवा छाएगा, रामराज्य पुन: आएगा’, ‘एक ही घोषणा, एक ही नाम – जय श्रीराम, जय श्रीराम’ आदि घोषणाओंसे वातावरण भक्तिमय हो गया था।

३. आंदोलनस्थल पर गणवेश एवं सामान्य वेश में पुलिसकर्मी उपस्थित थे।

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आप भी इस ऑनलार्इन हस्ताक्षर अभियान में
यहां से सहभागी हो कर
श्रीराम जन्मभूमि के स्थान पर श्रीरामजी की पूजा करने की अनुमति की मांग, कर सकते हैं !
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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