धार्मिक विषयोंके संदर्भ में शासन एवं न्यायालय का हस्तक्षेप, अस्वीकारार्ह ! – शंकराचार्य, करवीर पीठ
क्या इसके पश्चात भी, श्री शनैश्वर देवस्थान अपने निणर्य में परिवर्तन करेगा ?
नगर : श्री क्षेत्र शनिशिंगनापुर के श्री शनिदेव की वेदी पर महिलाओंके प्रवेश की घटना तो, अधर्म ही है ! संबंधित लोगोंको इस अधर्म का फल तो मिलेगा ही, करवीरपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य विद्यानृसिंह भारती ने मार्गदर्शन करते हुए यहां ऐसे उद्गार व्यक्त किए।
वे, नगर में एक कार्यक्रम के लिए आये थे उस समय उन्होंने श्री शनिशिंगनापुर के प्रकरण पर पत्रकारोंसे बातचीत करते हुए उपरोक्त मार्गदर्शन किया।
शंकराचार्यजी ने आगे कहा कि, केवल अधर्म बढाने के लिए ऐसा कुछ हो रहा हो, तो वह अनुचित है। धार्मिक विषयोंके संदर्भ में निर्णय करने के लिए धर्मपीठोंके होते हुए इसमें शासन एवं न्यायालय का हस्तक्षेप सर्वथा अनुचित है ! (राज्यशासन को जोरदार तमाचा ! इसके पश्चात राज्यशासन अपनी भूमिका में परिवर्तन कर उसे नए ढंग से उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करेगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
वित्तमंत्री के धनादेश पर यदि राजस्व मंत्री का हस्ताक्षर होगा, तो क्या वह धनादेश वैध होगा ? धर्म में ‘हस्तक्षेप’ ना हो; परंतु राजा पर धर्म का ‘नियंत्रण’ होना चाहिए, धर्म में ‘राजनीति’ नहीं होनी चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात