ढाका : बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हटाने और बंगाली नववर्ष के जश्न को ‘हराम’ बताकर इसके लिए फंड में कटौती करने की मांग कर बांग्लादेश के एक इस्लामी समूह ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस संगठन का कहना है कि जहां की ९८ पर्सेंट आबादी मुस्लिम है वहां किसी हिन्दू का चीफ जस्टिस होना आहत करने वाला है।
सत्तारूढ़ आवामी लीग से संबद्ध होने का दावा करने वाली उलेमा लीग ने बंगाली नव वर्ष पहला बैशाख के जश्न समारोहों के लिए सरकारी फंड के विरोध में एक मानवीय चेन बनाकर प्रदर्शन किया और जीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा को हटाए जाने की मांग की, जो एक हिंदू हैं।
समूह ने सरकार से पहला बैशाख के अवसर पर आयोजित समारोहों के लिए सरकारी आर्थिक सहायता की राशि कम करने और इस धन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जैसे इस्लामी उत्सवों में लगाने की मांग की। कई धर्मनिरपेक्ष समूहों और सामाजिक मंचों ने उलेमा लीग की आलोचना की है और उसके साथ संबंधों को लेकर आवामी लीग से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पूर्व में उनके कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया है।
समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ ने अपने मुख्य पृष्ठ पर लिखा, ‘तो क्या हमारी सरकार ‘हराम’ संस्कृति को अपना रही है क्योंकि यह सार्वजनिक अवकाश है? क्या १६ करोड़ बांग्लादेशी एक हराम उत्सव मना रहे हैं? उलेमा लीग वर्षों से जो कर रही है, वह अपराध है।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स