जहां एक ओर भारत में हिन्दू पाठशाला या संस्कृत पाठशाला खोलना देश का भगवाकरण या सांप्रदायिककरण माना जाता है, वहीं अब ब्रिटेन जैसे देशों में संस्कृत एवं हिन्दू पाठशाला खुल रहे हैं।
हिन्दू परंपराओं पर आधारित लंदन का पहला पाठशाला
ब्रिटेन के हैरो शहर में एक ऐसा ही अवंती हाउस पाठशाला नामक संस्कृत विद्यालय खोला गया है जो पूरी तरह से हिन्दू परंपराओं पर आधारित है।
यह पाठशाला ना ही मात्र हिंदू परंपराओं के अनुसार सभी नियमोंका अनुकरण करता है अपितु सभी छात्र शाकाहारी ही रहें इसका भी ध्यान रखता है।
इस पाठशाला में पढने वाले बच्चे, उनके परिजन व सभी अध्यापक हिन्दू परंपराओं व संस्कृत के प्रति विशेष झुकाव रखते हैं।
संस्कृत की पढाई हिंदू विद्यालयों की पहचान है
अवंती संस्कृत पाठशाला के अध्यापक जय लक्ष्मण जीसीएसई (जनरल सर्टिफ़िकेशन ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन) संस्कृत के पहले बैच के छात्रों की क्लास लिया करते हैं।
बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि, संस्कृत ऐसी भाषा है, जो अवंति हाउस की सभी कक्षाओं में पढ़ाई जाती है । संस्कृत की पढ़ाई सरकारी हिंदू माध्यमिक विद्यालयों की विशेष पहचान है।
जय लक्ष्मण ने बताया कि, ”मुझे लगता है कि ज्यादातर बच्चे अपनी इस महान विरासत के बारे में नहीं जानते, उन बच्चों को यह विकल्प देकर कि – हां, आप संस्कृत भी पढ सकते हैं- हमने उन्हें ये जानने का मौका दिया है कि उनकी पहचान क्या है और वे कहां से आए हैं।”
संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है अपितु यह अपने धर्म को जानने का माध्यम है
अवंती संस्कृत पाठशाला में पढने वाली १५ वर्षीय अदिति कहती हैं कि, ”संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, इसे सीखने का मतलब है एक संस्कृति को सीखना, अपने धर्म को ज़्यादा जानना, इसे पढ़ना बहुत फ़ायदेमंद है।”
पाठशाला से जुड़े लोगों की माने तो चार साल की अनिश्चितता के बाद अवंति हाउस के हैरो में स्थायी इमारत बनाने के आवेदन को मंज़ूरी मिली है।
पाठशाला के हेड टीचर मार्क बेन्नीसन बताते हैं कि, ‘यहां पाठशाला को स्थायी ठिकाना मिलना बड़ी उपलब्धि है क्योंकि लंदन के इस हिस्से में हिंदू मान्यता वाले पाठशाला की मांग बहुत ज़्यादा है।
उन्होंने बताया कि, स्थायी रूप से पाठशाला बनाने को हरी झंडी मिलने के पहले ही आने वाले सितंबर तक जिन ७ जगहों पर पाठशाला बनेंगे उसके लिए तय संख्या से अधिक आवेदन आए हैं।
स्त्रोत : रिव्होल्टप्रेस हिन्दी