बीकानेर में गूंजा ‘वन्दे मातरम्’ आैर ‘भारत माता की जय’ का जयघोष
देश की खातिर काम ना आये, वो जवानी बेमानी है।
मातृभूमि की रक्षा करने की, हमने मन में ठानी है।।
बीकानेरवासियों ने हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत् २०७३ के मंगल और पावन अवसर पर बिकानेर में देशप्रेम को रंग-तरंग दिखा, वह लम्बे समय तक याद किया जाएगा। वहां पर उपस्थित प्रत्येक नागरिक स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा था ।
‘मातरम्-मातरम्, ‘वन्दे मातरम्’, बच्चा-बच्चा राम का, मातृभूमि के काम का, ‘वन्दे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के महाघोष करते युवा, बालक, महिलाएं, वृद्वजन गाजे-बाजों के साथ ऊंटों पर सवार रौबीले बीकानेर के विभिन्न गली-मोहल्लों से होते हुए आैर जूनागढ के सामने एकत्रित हुए है ।
रोम-रोम और कण-कण प्रफुल्लित हो उठा जब महाआरती का गान हुआ। एक ओर महाआरती के समय लहरा रहीं पताकाओं और नारों से गुंजायमान वातावरण हर्षित करने वाला था तो दूसरी ओर बीकानेरवासीयों के ह्रदयोमें देशभक्ति का जुनून चरम पर था।
वर्षों बाद ऐसा दिखार्इ दिया की जिसमें ना कोई नेता था, ना कोई अभिनेता फिर भी लोगाें का रेला ‘भारत माता की जय’ का घोष करते हुए आगे बढता जा रहा था। देश की आन, बान, शान को बढ़ाने के लिए, देशहित और देश की रक्षार्थ एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए सभी लोग एकत्रित हुए थे ।
इस अवसर पर स्वामी सुबोधगिरिजी महाराज ने कहा कि, यदि हमें स्वाभिमान से जीना है, विश्व में पुनः प्रतिष्ठा प्राप्त करनी है तो धर्म की रक्षा और जनजागृति का कार्य संगठित होकर करना होगा, हिन्दुत्व तो भारत का अभिन्न अंग हैं हिन्दुत्व के बिना भारत की कल्पना नहीं कि जा सकती।
रमतेराम जी ने कहा कि देशद्रोही ताकतों को हावी नहीं होने देना है। सम्पूर्ण भारत में एकता और अखण्डता हेतु जागृति की आवश्यकता है तभी हम देशद्रोही ताकतों का सामना कर सकते है। कार्यक्रम का आयोजन हिन्दु जागरण मंच द्वारा किया गया।