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कर्नाटक में मार्ग चौडा करने की आड में आनेवाली मस्जिद को अंशिक रूप से गिराने पर, वहां मंदिर के अवशेष मिले !

रायचूर (कर्नाटक) में एक मस्जिद को अंशिक रूप से गिराने पर, पाए गए मंदिर के अवशेष !

विख्यात इतिहास विशेषज्ञ श्री. पु. ना. ओक के भारत की हर मस्जिद मूलरूप से हिंदुओंका मंदिर थी, इस संशोधन को बल देनेवाली घटना !
• धर्मांध एवं नगरपालिका के पदाधिकारियों में विवाद
• धर्मांधोंद्वारा प्रशासन पर पथराव
• पुलिसद्वारा साधारणसा लाठी-प्रहार

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मार्ग चौडा करने की आड में आनेवाली 'एक मिनार की मस्जिद' अंशिक रूप से गिराने पर वहां एक प्राचीन मंदिर के स्तंभ नजर आये ! (दुसरे चित्र में, एक कड़ी में बड़ा कर के दिखाया है) (सौजन्य : हिंदु एक्झिस्टन्स जालस्थल)
मार्ग चौडा करने की आड में आनेवाली ‘एक मिनार की मस्जिद’ अंशिक रूप से गिराने पर वहां एक प्राचीन मंदिर के स्तंभ नजर आये !
(दुसरे चित्र में, एक कड़ी में बड़ा कर के दिखाया है)
(सौजन्य : हिंदु एक्झिस्टन्स जालस्थल)

रायचूर (कर्नाटक) : यहां की नगरपरिषदद्वारा मार्ग चौडाई की आड में आनेवाले एक मंदिरसहित दो मस्जिदोंको अंशिक रूप से गिराने पर एक मस्जिद के अंदर हिंदुओंके प्राचीन मंदिर का स्तंभ मिलने का समाचार सामने आया है !

पब्लिक टीव्ही कर्नाटक राज्य की इस विख्यात समाचारवाहिनी पर यह समाचार प्रसारित किया गया।

प्रशासन इस मस्जिद को न गिराए; इसलिए धर्मांधोंने नगरपरिषद के अधिकारियोंपर बडी मात्रा में पथराव किया। (धर्मांधोंद्वारा किया गया यह आक्रमण बिना कुछ किये सहन करने के कारण ही धर्मांध उन्मत्त बनते जा रहे हैं क्या, यह इसी का लक्षण नहीं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

संपूर्ण समाचार निम्न प्रकार से ….

१. द हिंदू अंग्रेजी समाचारपत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार रायचूर शहर के जाकीर हुसेन चौक तथा सुपरमार्केट चौक के बीच का मार्ग चौडा करने के लिए नगरपरिषद ने मार्ग के दोनों बाजुओंमें स्थित व्यावसायिक एवं धार्मिक इमारतोंको गिराने का निर्णय किया था।

२. उसके लिए व्यवसायिकोंको, साथ ही एक मंदिर तथा दो मस्जिदोंके प्रबंधनोंको नोटिस भी दी गई थी। इसके अतिरिक्त उनसे बातचीत भी हुई थी। इन दो मस्जिदों में से ‘एक मिनार की मस्जिद’ शहर में विख्यात है। धार्मिक स्थल पूर्णरूप से न गिराकर अंशिक रूप से गिराए जानेवाले थे।

३. सभी ने नागरी हित के लिए मार्ग चौडा करने के लिये विरोध न करने का सुनिश्चित किया था। व्यवसायिकोंने अपनी दुकानें खाली कर दी थीं; परंतु १० अप्रैल को प्रातः ४ बजे गिराना आरंभ होने पर धर्मांधोंका जमावडा आ गया।

४. ‘एक मिनार की मस्जिद’ के प्रबंधनद्वारा उसे गिराने की अनुमति देने पर भी धर्मांधोंने उसे गिराने से तीव्र विरोध किया !

५. नगरपालिका के कर्मचारी, अधिकारी एवं धर्मांधों में विवाद प्रारंभ हुआ। इसका रूपांतरण धर्मांधोंद्वारा नगरपरिषद के अधिकारियों पर भारी मात्रा में पथराव करने में हुआ।

६. पुलिस ने धर्मांधोंपर साधारणसा लाठी-प्रहार कर उनमें से कुछ लोगोंको बंदी बनाया; परंतु कुछ समय पश्चात उनको छोड दिया गया। (यहां यदि धर्मांधोंके स्थान पर हिंदू होते, तो क्या पुलिस इतनी साधारण भूमिका लेती ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

७. पब्लिक टीव्ही नामक कर्नाटक राज्य की विख्यात समाचारवाहिनीद्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जब ‘एक मिनार मस्जिद’ अंशिक रूप से गिराई गई, तब मस्जिद की दीवारोंका गार (प्लास्टर) निकलने पर उसपर हिंदुओंके धार्मिक चिन्ह अंकित किए हुए दिखाई दिए, साथ ही मंदिर के स्तंभ भी दिखाई देने लगे !

८. तीन स्तंभ देखकर, एक तो इस मस्जिद का निर्माण हिंदू पद्धति से किया गया होगा अथवा वह मूलरूप से श्री रामलिंगेश्वर मंदिर होगा, ऐसी चर्चा आरंभ हुई।

९. मस्जिद की नींव के स्तंभ देखने पर, उन्हें ‘होयशाला वास्तुशास्र’ के अनुसार बनाया गया है, स्थानीय विशेषज्ञोंने प्राथमिक परीक्षण में अपना ऐसा निष्कर्ष निकाला है !

१०. इसलिए इस मस्जिद का निर्माण मुसलमान बहामनी राज्य के काल में पर्शियन पद्धति से किया गया हो, तो भी उसके निर्माण में हिंदुओंके मंदिर के स्तंभ एवं ध्वस्त किए गए मंदिर के अवशेषोंका उपयोग किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है !

११. इस घटना के कारण कोई सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न न हो; इसलिए नगरपरिषद ने मस्जिद के स्तंभ तथा अन्य अवशेष दूर ले जा कर फेंक दिए ! (‘सत्य’ को हम और कितने दिनोंतक छुपानेवाले हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) परंतु धर्माभिमानी हिंदुओंने उसमें से यथासंभव अवशेष संजोकर रखे हुए हैं, ऐसा समाचार है !

श्रीराम सेना करेगी ‘धरना’ आंदोलन !

‘एक मिनार की मस्जिद’ तो पुरातन मंदिर है; इसलिए, इस संदर्भ में श्रीराम सेना १३ अप्रैल को ‘धरना’ आंदोलन करेगी, ऐसा इस संगठन ने घोषित किया है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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