आश्विन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६
१७ सितम्बरको मुंबई विशेष शाखाके पुलिस निरीक्षकने दूरभाषपर हिन्दू जनजागृति समितिके समन्वयक शिवाजी वटकरकी पूछताछ की । उस समय उनमें जो सम्भाषण हुआ, वह यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ।
पुलिस निरीक्षक : हिन्दू जनजागृति समितिके सदस्योंके नाम तथा जानकारी चाहिए । हमारे कार्यालयकी जानकारीके लिए चाहिए ।
श्री. वटकर : कौनसे कार्यालयके लिए ?
पुलिस निरीक्षक : मुंबई विशेष शाखा (मुंबई स्पेशल ब्रांच)
श्री. वटकर : वैसी कोई भी जानकारी नहीं होती ।
पुलिस निरीक्षक : तुम्हारा (हिन्दू जनजागृति समितिका) कार्यालय कहां है ? क्या आप वहां समन्वयक हैं ?
श्री. वटकर : समन्वयकके रूपमें मैं समितिकी ओरसे पत्रादि भेजनेका कार्य करता हूं ।
पुलिस निरीक्षक : इसके प्रमुख कौन हैं ?
श्री. वटकर : यह संस्था गोवामें रजिस्टर्ड है ।
पुलिस निरीक्षक : क्या अब कुछ कार्यक्रमोंका आयोजन है ? तुम्हारा रजिस्टर्ड कार्यालय कहां है ? तुम्हारा प्रमुख कौन है ? अथवा क्या आप ही सबकुछ देखते हैं ?
श्री. वटकर : यदि आपको जानकारी चाहिए, तो आपको वैसा लिखकर देना पडेगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
२१ सितंबर २०१४, आश्विन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी , कलियुग वर्ष ५११६
आतंकवादविरोधी पथककी ओरसे एक जनपदमें हिन्दू जनजागृति समितिके एक कार्यकर्ताकी पूछताछ
आतंकवादविरोधी पथकने एक हिन्दूनिष्ठ संगठनके कार्यकर्ताके पीछे पडनेकी अपेक्षा यदि वही समय जिहादी आतंकवादियोंकी पूछताछ हेतु व्यतीत किया होता, तो अभीतक देश आतंकवाद मुक्त हो गया होता !
हाल ही में आतंकवादविरोधी पथकके एक हवलदारने दोपहरके समय तथा एक पुलिस निरीक्षकने सायंकालके समय दूरभाषपर हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताकी पूछताछ की । उस समय कार्यकर्ता तथा पुलिसमें हुआ सम्भाषण यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ।
हवलदार : इस जनपदमें आतंकवादविरोधी पथककी नई शाखा आरंभ की है । आपके संगठनके कार्यकर्ताओंकी संख्या, नाम, दूरभाष क्रमांक, इत्यादिके सन्दर्भमें जानकारी चाहिए । अन्य हिन्दूनिष्ठ संगठनोंकी जानकारी भी हम प्राप्त कर रहे हैं । मुझे केवल ५ मिनट ही तुम्हारे साथ बातचीत करनी है ।
कार्यकर्ता : अभी मुझे समय नहीं है । रात्रि सम्पर्क करता हूं ।
(सायंकालको ७.३० बजे पुनः हवलदारका दूरभाष आया ।)
हवलदार : हमारे साहब (पुलिस निरीक्षक) बात करेंगे ।
पुलिस निरीक्षक : क्या तुम हिन्दू जागरण मंचके अध्यक्ष हो ? (हिन्दू जनजागृति समितिका नाम भी ठीक तरहसे पता न होनेवाली पुलिस ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
कार्यकर्ता : नहीं । हिन्दू जनजागृति समितिका कार्य करता हूं ।
पुलिस निरीक्षक : यहां आपका क्या कार्य चल रहा है ?
कार्यकर्ता : कुछ नहीं ।
(यह उत्तर सुनकर पुलिस निरीक्षकने भ्रमणभाष बंद कर दिया । )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात