बंगलुरू में ‘हिंदु धर्मजागृती सभा’
अपनी अगली पीढी के भविष्य के लिए हिंदुओंको धर्मरक्षा करना अनिवार्य ! – महर्षि श्री श्री आनंद गुरुजी
![व्यासपीठ पर उपस्थित बाएं से कु. भव्या गौडा, अधिवक्ता श्री. अमृतेश एन.पी., सभा को संबोधित करते हुए महर्षि श्री श्री आनंद गुरुजी एवं हिंदु जनजागृती समिति के श्री. विजय रेवणकर](https://www.hindujagruti.org/hindi/wp-content/uploads/sites/2/2016/04/From-Left-Bhavya-Amratesh.jpg)
बंगलुरू : हमें हमारी राष्ट्रीय समस्याएं अपनी समस्याएं लगनी चाहिए। केवल मनोरंजन में लिप्त होना, यह हमारे जीवन का लक्ष्य नहीं है। प्रत्येक हिंदू को धर्माचरण करना प्रारंभ करना होगा। केवल उसी से धर्मरक्षा होना संभव है।
यदि हम ‘राष्ट्र एवं धर्म’ की अनदेखी करते रहे, तो अगली २ पीढियोंके लिए ‘भारत माता की जय’ का जयघोष करना भी असंभव होगा ! हमारी अगली पीढी के भविष्य के लिए धर्मरक्षा करना अनिवार्य हो गया है, ऐसा प्रतिपादन महर्षि श्री श्री आनंद गुरुजी ने किया। बंगलुरू में हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित ‘हिंदू धर्मजागृति सभा’ को संबोधित करते हुए गुरुजी बोल रहे थे।
शहर के अच्चुकट्टू क्षेत्र में स्थित चेन्नम्माकेरे के अन्नपूर्णा मंडप में इस धर्मजागृति सभा का आयोजन किया गया था।
इस समय बंगलुरू उच्च न्यायालय के हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता श्री. अमृतेश एन.पी. ने धर्माभिमानियोंको संबोधित करते हुए कर्नाटक शासन को चेतावनी दी कि, यदि अंधविश्वास निर्मूलन विधेयक पारित किया गया, तो आपको सत्ता से नीचे होना पडेगा। अंधविश्वास के नाम पर अन्य धर्मोंकी रूढि-परंपराओंको खंडित करने का साहस कांग्रेस शासन में है क्या ? विधेयक के भयावहता के संदर्भ में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, यदि यह विधेयक अस्तित्व में आ गया, तो हिंदुओंको संतोंकी पाद्यपूजा करना भी संभव नहीं होगा। हिंदू जनजागृति समिति के शिवमोग्गा जनपद समन्वयक श्री. विजय रेवणकर एवं सनातन संस्था की कु. भव्या गौडा ने भी उपस्थित धर्माभिमानियोंको संबोधित करते हुए ‘हिंदू संगठन’ एवं ‘हिंदू राष्ट्र’ की स्थापना का महत्त्व विशद कर बताया।