कुआलालंपूर (मलेशिया) : मलेशिया के हिंदुत्वनिष्ठ एवं सेवाभावी संस्था हिंदराफ मक्कल सक्थी संगठन ने मलेशियन शासन को पत्र लिखकर डॉ. जाकीर हुसेन इस हिंदू द्वेषी दार्शनिक विचारक को मलेशिया में प्रवेश नहीं करने दिया जाए, ऐसी मांग की है ! (मलेशिया जैसे मुसलमान बहुसंख्यक देश में हिंदू धर्म पर होनेवाले आघातोंके विरोध में सचेत होनेवाले हिन्दराफ मक्कल सक्थी संगठन का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस संगठन के अध्यक्ष श्री. पी. वायथामूर्ति ने इस पत्र में लिखा है कि ….
१. धर्मांध जाकीर नाईक तो सर्वसमावेशक समाज को लगा एक विखारी संसर्ग है। उनकी तुलना प्लेग के रोग से ही की जा सकती है !
२. जाकीर नाईक के मलेशिया के तेरेन्ग्गानु राज्य में प्रवचन (?) आयोजित किए गए हैं।
३. यह राज्य मुसलमान बहुसंख्यक है। वहां के मुसलमान अन्य मुसलमानों जैसे देश का अधिकृत इस्लामी संप्रदाय अहली सुन्ना वाल जमाह के अनुसार धर्म का पालन करते हैं। जाकीर नाईक एक अलग ही संप्रदाय का प्रसार करते हैं। इसके कारण मलेशिया में विभाजनवाद बढने की संभावना है !
४. जाकीर नाईक के कारण कैनडा एवं इंग्लैड इन देशों में सुरक्षा एवं सार्वजनिक शांति को बाधा न पहुंचे, इसलिए वहां वर्ष २०१० से उनके प्रवेश पर प्रतिबंध है !
५. जाकीर नाईक अपने भाषण में हिंदू धर्म का अश्लाघ्य अनादर करते हैं, साथ ही इस्लाम के अन्य संप्रदायोंकी भी आलोचना करते हैं। इसलिए, उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए ऐसी, हम मांग कर रहे हैं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात