शुद्ध भाद्रपद कृ. ५, कलियुग वर्ष ५११४
अतिक्रमण हटानेतक संघर्ष जारी रखनेका शिवभक्तोंका निश्चय
डोंबिवली, (महाराष्ट्र) ५ अगस्त (वृतसंस्था) – यहांके श्री पिंपलेश्वर महादेव मंदिरको हाल हीमें तीर्थक्षेत्रकी मान्यता मिली है । इस मंदिरके कुल भूमिमें लगभग २२८०० वर्गफुट भूमिपर पुलिस अधिकारी ईसाई महिला मेरी फर्नांडिसद्वारा वर्ष २००५ में दावा किया गया था कि वह भूमि उसकी है । इस प्रकरणमें मंदिरके न्यासी उस महिलाके विरोधमें न्यायालयमें गए । न्यायालयद्वारा वर्ष २००६ में इस महिलाको मंदिर परिसरमें न आने हेतु आदेश दिए गए थे । उस आदेशको तोडकर ३ अगस्तको इस महिलाने २५ गुंडोंकी सहायतासे मंदिरके पदाधिकारियोंको धमकाते हुए अवैध पद्धतिसे उस भूमिपर अतिक्रमण किया है । ( एक ईसाई महिला मंदिरकी भूमिपर अवैध पद्धतिसे वैâसे प्रवेश करती है ? इस देशमें अपना कोई कुछ नहीं बिगाड सकता यह निश्चित है । इसीलिए ईसाई इतने उद्दंड हो गए हैं । यह स्थिति परिवर्तित करने हेतु हिंदु राष्ट्र स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक ) फलस्वरूप मंदिरके आसपासके परिसरमें तनावका वातावरण उत्पन्न हुआ है । इस प्रकरणमें आज दोपहर ४ बजे श्री पिंपलेश्वर महादेव भक्त मंडलके अध्यक्ष श्री. प्रकाश म्हात्रे एवं सर्वपक्षीय अधिकार सुरक्षा संघर्ष समितिद्वारा मंदिरके परिक्षेत्रमें सार्वजनिक सभा आयोजित की गई थी । इस अवसरपर स्वामी डी.के.दास महाराज, भाजपके विधायक श्री. रवींद्र चव्हाण, शिवसेनाके नगरप्रमुख श्री. प्रभाकर चौधरी, शिवसेनाके नगरसेवक श्री. रमेश म्हात्रे, समाजसेवक श्री. गंगाराम शेलार तथा सर्वपक्षीय पदाधिकारीके साथ सहस्रावधि हिंदु उपस्थित थे । सभामें अनेक संगठनोंके पदाधिकारियोंके साथ हिंदु जनजागृति समितिके श्री. अजय संभूस एवं अन्य कार्यकर्ता सहभागी हुए एवं सर्वपक्षीय सामाजिक एवं राजनीतिक पदाधिकारियोंद्वारा भाषण दिए गए । भाषणमें निश्चय किया गया कि सभी शिवभक्तोंद्वारा संगठित होकर उस महिलाको उस भूमिसे हटाए जानेतक संघर्ष होता रहेगा ।
यह हिंदु धर्मपर आया संकट है । हिंदुओंका संगठित होनेका समय आ गया है । विधायक चव्हाणद्वारा चेतावनी दी गई कि यदि इस महिलाद्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो आंदोलन किया जाएगा ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात