कोल्हापुर के श्री महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में तृप्ति देसाईद्वारा घुसने का प्रयास करने का प्रकरण
पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी ही इस हंगामे के लिए उत्तरदायी ! – सभी संगठनोंका मत
• बैठक में ५०० से भी अधिक श्रद्धालुओंकी उपस्थिति
• सभी क्रोधित श्रद्धालुओंकी तृप्ति देसाई पर ‘मोक्का’ लगाने की मांग !
• तृप्ति देसाई को दी गई पुलिस की सुरक्षा के खर्चे की वसूली उनसे ही करें !
• एक भी श्रद्धालु पर कार्रवाई हुई, तो कोल्हापुर बंद !
दो दिनों में पत्रकार परिषद ले कर आगे की भूमिका घोषित करेंगे
कोल्हापुर : १३ अप्रैल को हिंदू श्रद्धाभंजक श्रीमती तृप्ति देसाई को श्री महालक्ष्मी देवी का दर्शन कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने भागदौड की। इस समय पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओंसे अपमानजनक व्यवहार किया। उसकी निंदा कर अगले आंदोलन की दिशा सुनिश्चित करने के लिए यहां के हिंदू एकता के कार्यालय के बाहर श्री अंबाबाई देवस्थान शांति समिति के नेतृत्त्व में १४ अप्रैल को एक बैठक बुलाई गई थी।
इस बैठक में भाजपा, पथकरविरोधी कृति समिति, हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र संगठक श्री. सुनील घनवट, रणरागिणी शाखा की संगठक कु. प्रतीक्षा कोरगावकर, बजरंग दल, श्री महालक्ष्मी मंदिर के श्रीपूजकोंके प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस समय १३ अप्रैल को हुए हंगामे के लिए पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी ही उत्तरदायी हैं, ऐसा इस बैठक में ऐसा एकमुख से कहा गया !
बैठक में मान्यवरोंद्वारा किया गया मत प्रदर्शन ….
१. पथकरविरोधी कृति समिति के श्री. बाबा पार्टे ने कहा, कल श्रद्धालु महिला-पुरुष भाविकोंको दर्शन नहीं मिला। इस हंगामे के लिए केवल पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी डॉ. अमित सैनी ही उत्तरदायी हैं !
२. श्रीपूजकोंकी ओर से श्री. अजीत ठाणेकर ने कहा, मेरी ३३ वर्ष की आयु में इस प्रकार की स्थिति मैंने पहली बार ही अनुभव की। आज तक अनेक आंदोलन हुए; परंतु इस प्रकार की स्थिति कभी भी उत्पन्न नहीं हुई थी !
इसके पीछे कोल्हापुर में स्थित ‘अस्तनी के अंगारे’ ही उत्तरदायी हैं !
उनको खोजकर कोल्हापुर की स्वच्छता करने का समय आ गया है। कल कम से कम ४०० श्रद्धालु एवं श्रीपूजकोंकी भावनाओंकी, पुलिस प्रशासन ने कदर ही नहीं की ! इसके विपरीत ईश्वर को न माननेवाली श्रीमती देसाई को दर्शन कराने के लिए भागदौड की, मैं अति कठोर शब्दों में इसकी निंदा करता हूं !
३. श्रीपूजकोंकी ओर से श्री. केदार मुनीश्वर ने कहा, ४ दिनोंसे ही यह प्रकरण चल रहा है। कोल्हापुर की जनता ने आगे आकर महिलाओंको प्रतीकात्मक दर्शन भी कराया। उस समय प्रशासन ने हमें जो आश्वासन दिया, उसका पालन भी उन्होंने नहीं किया !
४. बजरंग दल के जिलाध्यक्ष श्री. संभाजी साळुंखे ने कहा, श्रीमती देसाई ने जमावबंदी का आदेश तोडकर कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए उनको कानून के विषय में बोलने का अधिकार नहीं है। उनका आचरण, ‘स्वयं मदिरापान कर दूसरोंको मदिरापान न करने का उपदेश देने’ जैसा है !
जनताद्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर जिलाधिकारी के स्थानांतर के लिए प्रयास करें !
५. पथकरविरोधी कृति समिति की श्रीमती दीपा पाटिल ने कहा, कल हुई घटना के कारण मैं पुलिस प्रशासन की निंदा करती हूं। कल प्रशासन ने हमारा विश्वासघात किया है, तो दूसरी ओर कोल्हापुर की जनता ने भी तृप्ति देसाई को ‘कोल्हापुरी झटका’ दिया है !
• श्रीमती वैशाली महाडीक ने कहा, कल हुई घटना के पश्चात इसके आगे पुलिस को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करना है, यह हम सब को निर्धारित करना होगा। पुलिस प्रशासन ने महिलाओंके पदर एवं बाल भी खींचे, इसकी मैं निंदा करती हूं !
• श्री. सुनील घनवट ने कहा, कोल्हापुर के ‘पीछे’ लगने से हम ‘कोल्हापुरी झटका’ देंगे, यह संदेश कल की घटना से दिया गया है ! उसी प्रकार, कल की घटना के कारण त्र्यंबकेश्वर के श्रद्धालुओंको प्रेरणा मिली। उन्होंने भी वहां विरोध किया ! कल की घटना में कोल्हापुर के पुरोगामियोंको, श्री महालक्ष्मी देवी की गोद भरते हुए ‘आस्तिक’ के रूप में देखने को मिला। आज तक कभी भी न हुई घटना, देवी की आरती विलंब से आरंभ हुई। मणिकर्णिका कुंड पर शौचालय का निर्माण कर शासन ने श्रद्धालुओंका अपमान किया है। आज की इस बैठक में, इस विषय को ले कर आगे क्या करना है, इसका भी निर्णय लिया जाए।
• श्री अंबाबाई देवस्थान शांति समिति के श्री. श्रीनिवास साळोखे ने कहा, कोल्हापुर रणझुंजारोंकी भूमि है ! कोल्हापुर ‘युद्धभूमि’ हुई तो सारे महाराष्ट्र में आग फैलने में विलंब नहीं होगा !
• इस समय बोलते हुए श्री. अनिल घाडगे ने कहा, तृप्ति देसाई के पीछे जो शक्तियां काम कर रही हैं उनकी, राज्य अपराध शाखा की ओर से जांच होनी चाहिए, साथ ही प्रसारमाध्यम तृप्ति देसाई को इतना महत्त्व न दें !
तृप्ति देसाई प्रकरण के कारण कोल्हापुर में तीव्र असंतोष एवं एकमुख से जिलाधिकारी से त्यागपत्र देने की मांग
इस समय बोलते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री. रामभाऊ चव्हाण ने कहा, कल की घटना की मैं कठोर शब्दों में निंदा करता हूं !
अब इस प्रकरण को ले कर कोल्हापुर की जनता संघटित होनेवाली है। इस संदर्भ में निर्णय करने हेतु प्रशासन को ३-४ दिन का समय दिया जाएगा। उसके पश्चात कोल्हापुर बंद के संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा, साथ ही आंदोलन की अगली दिशा सुनिश्चित की जाएगी।
यहां की महिलाएं नहीं चाहती की गर्भगृह में जा कर ही दर्शन करें इसलिये, श्री महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में महिलाओंके प्रवेश का प्रश्न, शाश्वत रूप से छुडाया जाएगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात