धर्मांधोंका ‘हिंदू द्वेष’ !
सभी स्तर पर हिंदुओंको उजागर रुप से विरोध दर्शाना मानो धर्मांधोंका जन्मसिद्ध अधिकार ही हो गया है !
ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद पर श्री. सुरेंद्र कुमार सिन्हा की नियुक्ति करने के प्रकरण में सत्ताधारी अवामी लीग पक्ष से संलग्न उलेमा लीग संगठनद्वारा आपत्ति उठाई गई है।
इस संगठन का कहना है कि, देश में ९८ प्रतिशत मुसलमान होते हुए मुख्य न्यायाधीश पद पर एक हिंदू की नियुक्ति होना दुर्भाग्यपूर्ण है !
१. संगठन द्वारा मानवी-शृंखला बना कर दोनो सूत्रोंका निषेध करते हुए सिन्हा को मुख्य न्यायाधीश पद से हटाने की मांग की गई है !
२. इसके साथ बंगाली नववर्ष हेतु शासनद्वारा दी गई निधि न्यून कर उसे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के इस्लामी उत्सवोंके लिए प्रयुक्त करने की मांग की गई !
३. सत्ताधारी अवामी लीग के प्रवक्ता एवं संयुक्त महासचिव महबूब उल आलम हनीफ ने सफाई से खुलासा किया है कि, अवामी लीग का उलेमा लीग नामक संगठन से कोई संबंध नहीं है तथा प्रसारमाध्यमोंद्वारा प्रसारित यह समाचार ‘उलेमा लीग को हमारे केंद्रीय कार्यालय में एक कक्ष दिया गया है’, तथ्यहीन है ! पूर्व से ही उलेमा लीग ने हमारे कार्यालय में उनका फलक लगाया था; परंतु हमारे ध्यान में यह आते ही हमने उस फलक को हटा दिया है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात