श्री क्षेत्र शनिशिंगनापुर की ४०० वर्षोंसे चलती आ रही पुरानी प्रथा पुनर्जिवित करने की मुख्यमंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष से मांग : शासन का सकारात्मक प्रतिसाद
मुंबई : श्री शनिशिंगनापुर की ग्रामीण महिला तथा हिंदू जनजागृति समिति की महिला शाखा रणरागिणी ने मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस, विधानसभा अध्यक्ष श्री. हरिभाऊ बागडे, राजस्वमंत्री श्री. एकनाथ खडसे तथा नगर जनपद पालकमंत्री प्रा. राम शिंदे से प्रत्यक्ष भेंट कर मांग की गई कि, ‘श्री क्षेत्र शनिशिंगनापुर में वेदी के नीचे से दर्शन करने की ४०० वर्षों पुरानी परंपरा तोडने के कारण गांव के बुजुर्ग भोजन ग्रहण नहीं करते। गांव के लोग दुःखी हैं। स्थानीय तथा आसपास के गांव की एक भी महिला अब तक वेदी पर दर्शन हेतु नहीं चढी है।
वेदी के नीचे खडे रह कर दर्शन करने की पूर्व से चली आ रही यह धार्मिक प्रथा शासन को किसी भी स्थितिमें पुनः आरंभ करनी चाहिए। अन्यथा श्रद्धालु, भाविक एवं ग्रामास्थोंकी भावनाएं भडक सकती हैं !’
उस समय रणरागिणी शाखा की ओर से मुख्यमंत्री को इस मांग का ज्ञापन प्रस्तुत किया गया कि, ‘देवस्थान की धार्मिक परंपरा की रक्षा करने हेतु शासन को केरल शासन के समान भूमिका अपनानी चाहिए !’ उस समय मुख्यमंत्री श्री. फडणवीस ने उत्तर दिया कि, ‘इस विषय में हम ध्यान देंगे !’
नगर जनपद के पालकमंत्री का प्रतिनिधि मंडल को सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त हुआ। विधानसभा अध्यक्ष श्री. हरिभाऊ बागडे ने कहा कि, ‘आगामी एक मास में शासन इस प्रश्न का निराकरण करने का प्रयास करेगा !’
प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के नेवासा के विधायक श्री. बाळासाहेब मुरुकटे, रणरागिणी शाखा की राज्य संगठक कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर, हिंदू जनजागृति समिति के मुंबई प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक तथा श्री शनिशिंगनापुर की ५ ग्रामीण महिलाएं सम्मिलित हुई थीं।
उस समय विधायक श्री. मुरकुटे ने प्रतिनिधि मंडल को विधान भवन में प्रवेश करवाया तथा अन्य मंत्रियोंके साथ मुख्यमंत्री से भेंट करवाई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात