महाराष्ट्र शासन को गोहत्या प्रतिबंधक कानून का कठोरता से पालन करना चाहिए ! – पू. राजूदास महाराज रामदासी
सातारा : वडुज के तहसील कार्यालय, एस.टी. स्टैंण्ड परिसर में हिंदू जनजागृति समिति के नेतृत्व में आयोजित किए गए ‘राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन’ में पू. राजूदास महाराज रामदासी वक्तव्य कर रहे थे।
उस समय उन्होंने यह आवाहन किया कि, ‘गोमाता को हिंदू धर्म में माता का स्थान दिया गया है। गोमाता हिंदुओंको वंदनीय है। उसके कारण ही समाज में समृद्धि होती है। ऐसी गोमाता की पशुवध गृह से रक्षा करने हेतु हर हिंदू को प्राणार्पण करने की सिद्धता रखनी चाहिए। श्री. फडणवीस शासन ने गोहत्या प्रतिबंधक अधिनियम लागू किया है, यह बात अभिनंदनीय है, फिर भी राज्य में अभी तक गोहत्या तथा गोतस्करी हो ही रही है। शासन को गोहत्या प्रतिबंधक कानून का पालन कठोरता से करना चाहिए !’
इस अवसर पर सर्वश्री विजय काळे, अशोक गाडवे, सतीश शेटे, दीपक तुपे, सनातन संस्था तथा हिंदू जनजागृति समिति के २५ से अधिक कार्यकर्ता तथा हिंदू धर्माभिमानी उपस्थित थे।
पू. राजूदास महाराज रामदासी ने आगे यह वक्तव्य किया कि ….
१. राज्य में मुंबई, नाशिक, पुणे, धुले, मिरज के साथ अनेक स्थानोंपर अधिक मात्रा में गोमांस तस्करी होती है। इस संदर्भ की अनेक घटनाएं सामने आयी हैं !
२. विद्यमान अधिनियम में दंड हेतु कडा प्रबंध न होने के कारण अधिकांश स्थानोंपर बंदी बनाए गए अपराधी को एक ही दिन में जमानत पर मुक्त किया जाता है ! तो, कुछ स्थानोंपर पुलिस तथा गोतस्करों में आर्थिक हितसंबंध होने के कारण अधिनियम का परिणामकारक उपयोग नहीं होता !
३. गोतस्करोंको अधिनियम का भय न होने के कारण वे गोरक्षकों तथा पुलिस पर भी प्राणघातक आक्रमण करते हैं !
४. अंत में उन्होंने यह मांग भी की; कि, ‘शासन को गो हत्या रोकने के लिए कठोर दंड का प्रावधान करना चाहिए। साथ ही गोहत्या रोकने हेतु अपने प्राणोंसे खेलनेवाले गोरक्षकोंको, अधिनियम के सहायक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान करने चाहिए, उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।’
इस आंदोलन में हिंदू जनजागृति समिति के श्री. हणमंत कदम तथा श्री. हेमंत सोनवणे ने भी उपस्थितोंको मार्गदर्शन किया। गोरक्षक श्री. दीपक तुपे ने भी अपना मनोगत व्यक्त किया।
आंदोलन के पश्चात कार्यकर्ताओंके प्रतिनिधि मंडल ने निवासी नायब तहसीलदार श्रीमती निंबाळकर से भेंट कर उन्हें उक्त मांगोंका ज्ञापन दिया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात