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महाराष्ट्र में बुलढाणा जनपद के जामोद गांव में धर्मांधोंने सुरंग लगाकर मंदिर उध्वस्त किया !

कलतक पाक, बांग्लादेश, कश्मीर, बंगाल, आसाम में होनेवाली घटनाओंका अब छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में बार बार होना, उनके नाम की जयजयकार करनेवालें हिंदुओंके लिए लज्जास्पद है !

• मूर्ति की तोडफोड
• श्रीरामनवमी का भंडारा बिखेर दिया
• हिंदुओंके घरोंको लूटा
• धारा १४४ लागू
• शिवसैनिकोंसे सहायता
• ८७ धर्मांधोंपर कार्रवाई

महिलाओंके मंदिर प्रवेश को विपुल प्रसिद्धि देनेवाले प्रसारमाध्यम, साथ ही दादरी प्रकरण पर आक्रोश करनेवाले ये, ढोंगी निधर्मिवादी मंदिरोंपर होनेवाले आक्रमणोंके संदर्भ में मौन रखते है, यह ध्यान रखें !

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बुलढाणा : यहां के जलगांव-जामोद में १६ अप्रैल की रात को धर्मांधोंने प्राचीन श्री बेंबळेश्वर मंदिर को सुरंग लगाकर उध्वस्त कर दिया और श्रीरामनवमी का भंडारा बिखेर दिया ! गांव के अनेक मंदिरों में स्थित मूर्तियोंकी तोडफोड की। हिंदुओंके घर लूटे गए, दुकाने जला दी गईं।

इस प्रकरण में पुलिस ने ८७ धर्मांधोंको बंदी बनाया है तथा गांव में धारा १४४ लागू की गई है, यह समाचार ‘दैनिक सामना’ ने प्रकाशित किया है।

dharmandh2१. जामोद में श्रीरामनवमी के निमित्त प्रतिवर्ष भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस महाप्रसाद के लिए पूरे गांव से रोटियां संग्रहित की जाती है।

२. १६ अप्रैल के रात ८ बजे एक ट्रैक्टर में रोटियां संग्रहित की जा रही थीं, तब सिमी का पूर्व जिलाध्यक्ष आसिफ इकबाल, अलीम बब्बू, अजीज बब्बू, निमकाडीवाले, ऊर्दू विद्यालय का शिक्षक शरीफ मास्टर ने ट्रैक्टर को रोक कर रोटियां संग्रहित करनेवाले सर्वश्री हरिदास ढगे, राम वानखेडे, बजरंग दल के नंदू दलाल से विवाद किया। तदुपरांत इन धर्मांधोंने उनसे अमानवीय मारपीट की। तदुपरांत उन्होंने हर हिंदूको पीटना प्रारंभ कर दिया। (हिंदुओ, धर्मांधोंके आक्रमण का सामना कर स्वयं की रक्षा करने के लिए स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

३. गांव की महिलाएं रसोई में भंडारे की तैयारियां कर रही थी। वहांतक यह ये धर्मांध पहुंच गए; परंतु हिंदू युवकोंने सुरक्षा कड़ी बनाकर अपने हिंदू बहनोंकी रक्षा की ! यह देखकर, इन क्रोधित धर्मांधोंने गांव के मंदिरोंको अपना ‘लक्ष्य’ बनाया। (महिलाओंकी रक्षा करनेवाले हिंदू युवकोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

४. मजीद भट्टू, ग्रामपंचायत सदस्य शे. सलीम मिस्री, शे. मजीद, इलियास बेपारी अडवाणी, अब्दुल रशीद, नसीरखां छोटेखां यह सभी धर्मांध मंदिरोंकी तोडफोड करने में आगे थे, ऐसा बताया गया। (कलतक पाक, बांग्ला देश, कश्मीर, बंगाल, आसाम में होनेवाली घटनाओंका अब छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में बार बार होना, उनके नाम की जयजयकार करनेवालें हिंदुओंके लिए लज्जास्पद है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

५. धर्मांधोंने पुलिसपर पथराव किया। इस में सर्वश्री सुभाष वाघमारे, भूषण सोळंके, गजानन नरुटे, कैलास पंडीत, दीपक सपकाळसहित पुलिस अधिकारी सोळंके भी घायल हुए। (स्वयं की रक्षा न कर सकनेवाली पुलिस हिंदुओंकी क्या रक्षा करेगी, ख़ाक ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) स्थिति नियंत्रण के बाहर होती हुई देखकर आंसू गैस छोडी गई। तदुपरांत हवा में गोलीबारी की गई।

हिंदुओंके घरोंकी लूट, वाहनोंकी आगजनी

मंदिरोंकी तोडफोड करने के पश्चात इन धर्मांधोंने हिंदुओंके घर एवं दुकानोंको लक्ष्य बनाया !

उन्हों ने श्री. विजय राठी का गोदाम जला डाला। इस आगजनी में गोदाम में रखा हुआ लगभग २५ लाख रुपयोंका खेतमाल भस्मसात हो गया। गोदाम के सामने रखी २ गाडियोंको जला दिया गया। श्री. भरत गांधी की इंडिका कार जलाई गई। श्री. विजय कर्हाले एवं श्री. मधुकर वानखेडे के घर इन धर्मांधोंने जलाए। श्री. बाळू कुंवर के किराणा दुकान में रखा हुआ माल लूटा, डॉ. टावरी के चिकित्सालय में तोडफोड की। श्री. गजानन साखरकर की फर्नीचर की दुकान का फर्नीचर लूट लिया, जूत, चप्पलोंकी दुकान लूटी, श्री. प्रकाश भुतडा के तीनों दुकानों में रखा माल लूट लिया !

शिवसैनिकोंसे सहायता

धर्मांधोंके इस आक्रमण की जानकारी प्राप्त होते ही शिवसेना सांसद सर्वश्री प्रतापराव जाधव, विधायक संजय कुटे, तहसीलप्रमुख संतोष दांडगे, गजानन वाघ सहित अनेक शिवसैनिक रातोरात जामोद पहुंचे। सांसद श्री. जाधव ने शीघ्रता से दोषियोंको हथकडियां पहनाओ, अन्यथा हमें ‘शिवसेना की पद्धति’ से झटका दिखाना पडेगा, यह चेतावनी दी !

तदुपरांत पुलिस ने धरपकड अभियान कर ८७ धर्मांधोंको बंदी बनाया। इन दंगाइयोंसे बडी मात्रा में शस्त्र जब्त किए जाने की जानकारी है !

पुलिस ने, एक ही रात में मंदिर की दीवार का निर्माण किया !

जामोद में संचारबंदी लागू किए जाने के पश्चात धर्मांधोंने सुरंग लगाकर श्री बेंबळेश्वर मंदिर के गिराई हुई दीवार का पुलिस ने एक ही रात में पुनर्निर्माण किया। धर्मांधोंने तोडफोड किए हुए मंदिर को साफ़-सुथरा कर पुलिस ने कुछ हुआ ही नहीं, यह दिखाने का प्रयास किया !

विशेष बात यह कि पुलिस ने १७ अप्रैल को जामोद में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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