निर्दोषोंको झूठे आरोप में ९ वर्ष अकारण फंसानेवाले पुलिसपर भाजपा सरकारने सख्त कारवाई करनी चाहिए – संपादक, हिन्दू जनजागृति समिती
नर्इ दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के प्रमुख शरद कुमार ने कहा है कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआइ से कहा है कि पुरोहित इस मामले के आरोपी नहीं हैं। उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि आखिर कर्नल प्रसाद पुरोहित का नाम इस मामले में क्यों घसीटा जा रहा है।
एनआइए प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र की एटीएस ने २००८ के मालेगांव विस्फोट मामले में कर्नल पुरोहित को आरोपी बनाया था और एनआइए इस मामले की जांच कर रही है।
विदित हो कि समझौता ब्लास्ट में आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट किया गया था। इनमें स्वामी असीमा नंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसांगरा, संदीप डांगे, लोकेश शर्मा, कमल चौहान, अमित और राजेंद्र चौधरी के नाम शामिल हैं। अटारी एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाने वाले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में पानीपथ के निकट १८ फरवरी, २००७ को विस्फोट हुआ था, जिसमें ६८ लोगों की मृत्यु हो गयी थी। इसके लिए षड़यन्त्र रचा गया था।
लेफ्टिनेंट प्रसाद पुरोहित को महाराष्ट्र के मालेगांव क्षेत्र में २९ सितंबर २००८ को हुए विस्फोट का आरोपी बनाया गया था। इसमें चार लोगों की मृत्यु हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस घटना में पुरोहित सहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिवनारायण कलसांगरा, श्याम साहू, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय, राकेश धावडे, जगदीश महात्रे, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और प्रवीण तकालकी को बंदी बनाया गया था।
स्त्राेत : प्रभात खबर