नई देहली में तमिळ नववर्ष के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन
हिंदुओंकी दु:स्थिती में परिवर्तन लाने हेतू, उन्हें ‘धर्मशिक्षा’ देना आवश्यक ! – उपस्थित मान्यवरोंके विचार
![अंग्रेजी पाक्षिक सनातन प्रभात के संदर्भ में डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी को जानकारी प्रदान करती हुई सनातन की साधिका श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर तथा डॉ. स्वामी के साथ निवृत्त जनरल श्री. जी.डी. बक्शी (दाइं ओर)](https://www.hindujagruti.org/hindi/wp-content/uploads/sites/2/2016/04/dr-sub-swami.jpg)
नई देहली : यहां के कॉन्स्टिट्युशनल क्लब में तमिळ कल्चरल फोरम की ओर से तमिळ नववर्ष के स्वागत समारंभ का आयोजन किया गया था।
इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी, ८९ वर्ष के हिंदू मुन्नानी के संस्थापक श्री. राजगोपालन, ‘रॉ’ के निवृत्त अधिकारी श्री. आर.एस.एन. सिंह, निवृत्त जनरल श्री. जी.डी. बक्शी तथा श्रीमती राधा रमन आदि मान्यवर उपस्थित थे।
उस समय उपस्थित मान्यवरोंने, ‘हिंदुओंकी दु:स्थिती में परिवर्तन लाने हेतु उन्हें ‘धर्मशिक्षा’ देना आवश्यक है, साथ ही उन्होंने स्वधर्म का गौरवशाली इतिहास स्मरण करने का भी प्रयास करना चाहिए !’ ऐसा मत प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम में तमिळनाडु में धर्मांध, ईसाई मिशनरी तथा राज्यशासनद्वारा हिंदुओंपर किए जानेवाले अत्याचारोंके विषय में जानकारी देनेवाली हिंदू मुन्नानी निर्मित एक ध्वनिचित्र चक्रिका (सीडी) का लोकार्पण किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात