हिंदुओं, ‘कॉन्हव्हेंट’ का असल रूप देखें !
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वहां, कार्य न करनेवाली लडकियोंकी पिटाई
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हिंदुओं, यह बात ध्यान में रखें कि, इस प्रकार के समाचारोंपर प्रसारमाध्यमें कभी चर्चासत्रोंका आयोजन नहीं करते !
वसई : यहां के ‘हॅण्डमेड्स ऑफ द ब्लेस्ड ट्रीनिटी रोझा मिस्टीका कॉन्हव्हेंट’ नामक बालगृह की २ सिस्टर्स के विरोध में अवयस्क लडकियोंको शारीरिक तथा मानसिक यातना पहुंचाने का अपराध प्रविष्ट किया गया है; किंतु, बालगृह के संचालकोंने यह परिवाद अस्वीकार किया है !
साथ ही यह भी कहा कि, बालगृह को अपकीर्त करने हेतु यह षडयंत्र रचा गया है !
इस बालगृह में मुंबई के साथ विभिन्न क्षेत्रोंकी पाठशाला में पढनेवाली अवयस्क लडकियां रहती हैं।
१. सीमा क्रियाडो नामक महिलाने परिवाद किया है कि, इस बालगृह में सिस्टर्स लडकियोंकी पिटाई कर उन्हें बांसी तथा खराब खाना देती हैं !
२. श्रीमती क्रियाडो ने अपने परिवाद में यह कहा है कि, ‘मेरी अलायसा (आयु ५ वर्ष) तथा ट्रिजिया (आयु १५ वर्ष) नामक दो लडकियां गत दो वर्षोंसे इस बालगृह में निवास कर रही हैं। मेरी लडकियोंको सिस्टर के कपडे धोना, बर्तन साफ करना, बंगले की सफाई करना आदि करवाया जाता है। लडकियोंद्वारा काम करने से मना करने पर उनकी जूतों से पिटाई की जाती है तथा बाल खींचे जाते हैं !’
३. श्रीमती क्रियाडो ने पुलिस को यह जानकारी दी कि, अक्तूबर २०१५ से जनवरी २०१६ तक वह बालगृह में लडकियों को अंग्रेजी सिखाने हेतु आती थी। उस समय बिहार तथा ओरिसा से १२ लडकियोंको ‘नन’ बनाने हेतु लाया गया था। उन्हें भी कूडा निकालना, शौचालय साफ करना आदि करने के लिए विवश किया जाता था। काम न करने पर उनकी भी पिटाई की जाती थी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात