Menu Close

आगरा : धर्मांतरण के १६ माह बाद हिन्दूवादी नेता नंद किशोर वाल्मीकि पर गुंडा एक्ट

nand_kishor_valmiki
धर्मांतरण के लिए हवन करते हिन्दूवादी नेता। इंसेट और लाल घेरे में नंद किशोर वाल्मीकि।

आगरा : थाना सदर के देवरी रोड स्थित वेदनगर में दिसम्बर २०१४ में हुए कथित धर्मांतरण प्रकरण के १६ महीने बाद धर्म जागरण मंच के कार्यकर्ता नंद किशोर वाल्मीकि को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया गया है । अल्पसंख्यक समुदाय से लगभग १०० लोगों के कथित धर्मांतरण (घर वापसी) से संबंधित एक प्रकरण में पुलिस ने नन्द किशोर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था ।

कथित धर्मांतरण प्रकरण के १६ महीने बाद नंदकिशोर वाल्मीकि को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया जाना बडे प्रश्न उपस्थित करता है । सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर २०१५ में गुंडा एक्ट की कार्यवाही शुरू कर दी गयी थी, परंतु नन्द किशोर वाल्मीकि को इसकी सूचना प्रशासन द्वारा भेजे गए एक नोटिस के माध्यम से १९ अप्रैल को मिली । इस नोटिस में बताया गया है कि, वाल्मीकि की गतिविधियां संदिग्ध हैं और कभी भी क्षेत्र में शान्ति भंग करा सकती हैं, इसलिए उस पर गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गयी है ।

नन्द किशोर ने कहा कि, दिसम्बर २०१४ में उनके विरुध्द जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था । १९ अप्रैल को उन्हे कथित धर्मांतरण प्रकरण के १६ महीने बाद प्रशासन द्वारा एक नोटिस के माध्यम से गुंडा एक्ट में निरुद्ध किये जाने की सूचना मिली । गुंडा एक्ट में निरुद्ध किये जाने पर वाल्मीकि ने बताया कि, प्रशासन ये काम बदले की भावना से कर रहा है । प्रशासन का प्रयास है कि, उन्हे आगरा से तडीपार कर दिया जाए ।

अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि, नन्द किशोर वाल्मीकि पर लगाया गया गुंडा एक्ट गलत है । न तो वो अभ्यस्त अपराधी है और न ही धर्मांतरण प्रकरण को छोडकर और कोई आपराधिक रिकॉर्ड है । उन्होंने बताया कि, प्रशासन के इस गुंडा एक्ट में निरुद्ध किये जाने की कार्यवाही को सोमवार को न्यायालय में चुनौती देंगे ।

शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता बसंत गुप्ता ने बताया की, गुंडा एक्ट की कार्यवाही बहुधा ऐसे व्यक्तियों पर की जाती है जो आवारा प्रकृति के व्यक्ति हों या पेशेवर अपराधी जो लगातार आपराधिक गतिविधियों में शामिल हों । बसंत गुप्ता ने कहा कि, कई बार इन प्रावधानों का पुलिस द्वारा दबाव और डर उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है ।

१६ महीने बाद गुंडा एक्ट क्यों लगाया गया ? इस प्रकरण में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है । नाम न छापने की शर्त पर एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि, गुंडा एक्ट की कार्यवाही पुलिस विभाग द्वारा की जाती है, तो इसका जवाब वही दे सकते हैं ।

संदर्भ : पत्रिका

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *