राष्ट्रविरोधी भडकाऊ भाषण देनेवाले एमआइएम के नेताआें को न रोक सकनेवाली पुलिस राष्ट्रप्रेमी हिन्दू नेताआें पर तत्परता से प्रतिबंध डालती है, यह ध्यान में लीजिए !
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सामूहिक शनैश्वर पूजा के कार्यक्रम में उपस्थित रहने पर पुलिस की ओर से प्रतिबंध !
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१६ से २२ अप्रैल की अवधि में सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने तथा भाषण देने पर प्रतिबंध !
मंगलुरू (कर्नाटक) – पुलिस आयुक्त चंद्रशेखर ने श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक को अलापे में १६ अप्रैल को आयोजित वार्षिक सामूहिक शनैश्वर पूजा के कार्यक्रम में उपस्थित रहने पर प्रतिबंध डाला है, साथ ही १६ से २२ अप्रैल की अवधि में होनेवाली कोई भी सार्वजनिक सभा एवं कार्यक्रम में सम्मिलित होना, प्रत्यक्षरूप से अथवा अन्य माध्यमों द्वारा भाषण करने पर भी धारा १४४ के अनुसार प्रतिबंध डाल दिया । श्री. मुतालिक यहां वर्ष २००९ में पब पर हुए आक्रमण के अभियोग के संबंध में न्यायालय में उपस्थित होने आए थे । इस प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री. मुतालिक ने कहा, यह राज्यशासन द्वारा अवलंब की गई हिन्दूविरोधी नीति का ही एक भाग है । मैसूर में ३ हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताआें की हत्याएं हुईं । मुझ पर भी राज्य के ८ क्षेत्रों में जाने पर प्रतिबंध डाल दिया गया है । हिन्दू जनजागृति समिति के जगदीश कारंथ को पुत्तुर के श्रीरामनवमी के कार्यक्रम में उपस्थित रहने से रोका गया । इसका अर्थ राज्यशासन ने हिन्दुआें को दबाने का षड्यंत्र ही रच रखा है । मैं मंगलुरू में न्यायालय में उपस्थित रहने के लिए आया था । मुझ पर पूजा के कार्यक्रम में जाने पर प्रतिबंध डालने के लिए याचिका प्रविष्ट की गई थी । मैं इस कार्यक्रम में भडकाऊ भाषण देनेवाला था, क्या यह सब पुलिस ने स्वप्न में देखा था ? मेरे विरुद्ध ९० अभियोग प्रलंबित हैं, ऐसा पुलिस कहती है । उनमें से १३ अभियोग छोडकर अन्य अभियोगों में न्यायालय ने मुझे निर्दोष मुक्त किया है । इसका अर्थ न्यायालय मेरा आदर करती है; परंतु पुलिस मेरी व्यक्तिस्वतंत्रता पर आक्रमण करती है, श्री. मुतालिक ने यह भी कहा । (राष्ट्रप्रेमी हिन्दुआें को कार्य करने के लिए अब हिन्दू राष्ट्र के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं ! – संपादक)
स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात