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रणरागिनी शाखा की महाराष्ट्र राज्य संगठक कु. प्रतीक्षा कोरगावकर ‘भगिनी पुरस्कार २०१६’ से सम्मानित !

कोल्हापुर में भगिनी पुरस्कार २०१६ वितरण समारोह

पुरस्कार स्वीकार करते हुए कु. प्रतीक्षा कोरगावकर(दायीं ओर), दायीं ओर से महापौर अश्विनी रामाणे, श्री. राजु शेट्टी, श्री. राजेश क्षीरसागर तथा श्रीमती वैशाली क्षीरसागर

कोल्हापुर : हिन्दू धर्म की उत्कृष्ट महिला धर्मप्रसारक के रूप में रणरागिनी शाखा की महाराष्ट्र राज्य संगठक कु. प्रतीक्षा कोरगावकर को २४ अप्रैल को ‘भगिनी पुरस्कार २०१६’ प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया । यहां के प्राइवेट हाईस्कूल के मैदान में भगिनी मंच द्वारा आयोजित ‘भगिनी महोत्सव समारोह – २०१६’ पुरस्कार वितरण समारोह से संपन्न हुआ । जनपद के पृथक क्षेत्रों में गुणवत्ता प्राप्त महिलाओं का भी आदर किया गया । नगद राशि ११ सहस्र रुपए तथा सम्मानचिह्न, यह इस पुरस्कार का स्वरूप था । इस समय अभिनेत्री मधुताई कांबीकर को ‘जीवनगौरव पुरस्कार’, सामाजिक कार्यकर्ती शालन शेळके, मनीषा तोकले तथा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटपटु स्मृति मानधना को ‘भगिनी पुरस्कार २०१६’ प्रदान कर सम्मानित किया गया ।

इस अवसर पर विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर, संसद सदस्य श्री. राजु शेट्टी, महापौर अश्विनी रामाणे, उपमहापौर शमा मुल्ला, दिग्दर्शक यशवंत भालकर, जालंधर पाटिल इत्यादि उपस्थित थे । दीपप्रज्वलन के पश्चात् भगिनी मंच की संस्थापिका श्रीमती वैशाली क्षीरसागर ने प्रास्ताविक किया । उस समय विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर ने बताया कि, ‘श्रीमती वैशाली क्षीरसागर ने कोल्हापुर की महिलाओं को गत ५ वर्षों से अधिक वर्ष व्यासपीठ उपलब्ध करवाया है, उसके द्वारा पूरे वर्ष अनेक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ।’

यह परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले का आदर ! – कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर

इस समय रणरागिनी शाखा की महाराष्ट्र राज्य संगठक कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर ने कहा, कि ‘यह आदर, मैं जिनके विचारों की प्रेरणा लेकर कार्य कर रही हूं, उन परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले का है । यह मेरा सौभाग्य है कि, माता जगदंबा की भूमि में मुझे यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है । हिन्दू जनजागृति समिति प्रणीत महिला शाखा रणरागिनी गत ७ वर्षों से कार्यरत है । रणरागिनी शाखा आज अबला स्त्रियों को लव जिहाद की समस्या, अश्लीलता रोकना, महिलाओं को धर्मशिक्षण तथा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण देने के समान अभियान आयोजित करती है । सभी महिलाओं को रणरागिनी बनने के लिए प्रयास करना समय की आवश्यकता है ।’

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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